ई-व्हीकल के भविष्य को सफल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी क्षेत्र से जुड़ी दो दिग्गज कम्पनियां अमेज़न वेब सर्विस (AWS) और एबीबी (ABB)(आसिया ब्राउन बोवरी) क्लाउड बेस्ड मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करने के लिए आपस में साझेदारी करेगी। भविष्य के इलेक्ट्रिक वाहनों की परफोर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए दोनों दिग्गज कम्पनियां आपस में सहयोग करके इस दिशा में आगे काम करेगी। इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स का इलेक्ट्रिफिकेशन करना अभी आसान नही है, इसी समस्या को आसान बनाने के लिए क्लाउड बेस्ड मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया जा रहा है। दोनों ही कंपनियां अपने क्षेत्र में पहले से ही माहीर है, एबीबी जहाँ पूरे विश्वभर में ई-मोबिलिटी, उर्जा प्रबंधन और चार्जिंग टेक्नोलॉजी के लिए एक अनुभवी कम्पनी है वहीं अमेज़न की कम्पनी एडब्ल्यूएस ने हाल ही में क्लाउड टेक्नोलॉजी एवं सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में एक अपनी एक नई पहचान बनायीं है।
AWS और ABB दोनों का लक्ष्य ई-मोबिलिटी में क्रांतिकारी परिवर्तन
इलेक्ट्रिक व्हीकल के भविष्य से जुड़े इस मैनेजमेंट सिस्टम प्लेटफार्म को साल 2021 के अंत तक विकसित करने की योजना है। यह सिस्टम इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इस्तेमाल करने वाले उपभोगताओं को विशिष्ट अनुभव प्रदान करेगा इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के चार्जिंग पॉइंट से लेकर ई-वाहनों के डेटा तक के मैनेजमेंट को और ज्यादा सक्षम बनाएगा।
एबीबी के प्रेसिडेंट फ्रैंक म्यूहलॉन के मुताबिक़ एबीबी और एडब्ल्यूएस दोनों के ही ई-व्हीकल्स के क्षेत्र में एक जैसे विचार है। उनका कहना है कि भविष्य की यह टेक्नोलॉजी समाज को बदलने और उसको नई दिशा देने का काम करेगी। हमारे आपसी सहयोग का मकसद इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के मैनेजमेंट को आसान बनाना है, ताकि सभी लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपना सकें।
फ्रैंक म्यूहलॉन ने कहा यह नया सोल्यूशन इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा। इसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को एक इकोसिस्टम मिलेगा, जिससे यूज़र को बेहतरीन अनुभव मिलेगा। इस तरह हम आने वाले भविष्य मे इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दे सकेंगे।
इलेक्ट्रिक वाहन क्यों जरुरी हो गए हैं !
हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ने लगी है, पर्यावरण को होने वाले नुक्सान के कारण बहुत से देश पारंपरिक इंधन वाले वाहनों के बजाय ग्रीन एनर्जी के विकल्प तलाश रहे हैं। मौजूदा समय में दुनिया भर में ऊर्जा से संबंधित 23 फीसदी ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन ट्रांसपोर्ट सेक्टर से होता है। ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन के कारण कई देशों की मेट्रों सिटी में पोल्यूशन का स्तर बड़े ही घातक स्तर पर देखने को मिलत है। सीनियर सिटिजन और शिशुओं को इस पोल्यूशन से काफी समस्या झेलनी पड़ती है। इसके अलावा लागातार निजी वाहनों की संख्याओं पर लगाम लागना ससंभव है जिसके कारण ट्रैफिक से होने वाले प्रदूषण में पारम्पारिक इंधन वाले वाहनों से कमी नही लायी जा सकती।
अगर इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाया जाता है तो निम्नलिखित फायदे हो सकते है:-
1 ट्रैफिक के इलेक्ट्रिफिकेशन से CO2 के स्तर में उल्लेखनीय कमी की जा सकेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों को अगर बड़ी संख्या में अपनाया जाएगा तो यह ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। दुनिया भर में लगभग 400,000 इलेक्ट्रिक डिलिवरी वाहन और ट्रक सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
2 हालांकि सभी इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रबंधकों को वाहनों के चार्जिंग स्टेटस, इलेक्ट्रिक वाहनों के रखरखाव की जानकारी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच बनाने के लिए एक जैसी चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इलेक्ट्रिक-वाहन चार्जिंग की भी है समस्यां
आजकल बहुत से ऑपरेटर थर्ड पार्टी चार्जिंग मैनेजमेंट के सॉफ्टवेयर का विकल्प चुनते हैं। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के मॉडल और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की रेंज को उपभोक्ताओं की जरूरत के अनुसार बनाने की क्षमता और विकल्प कम हो जाते हैं। इलेक्ट्रिक चार्जिंग की तकनीक जिस तेजी से विकसित हो रही है। इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना महंगा हो सकता है और इसमें काफी संसाधन लगाए जा सकते हैं। इसलिए इलेक्ट्रिक फ्लीट ऑपरेटर आसान, सुरक्षित और एडवांस्ड सॉफ्टवेयर सोल्यूशन से लैस सोल्यूशंस पर मंथन कर रहे हैं। इसके साथ ही आसानी से मैनेज किए जाने वाला हार्डवेयर भी बनाने की योजना है, जिससे प्लग लगाते ही गाड़ी तुरंत चार्ज हो सके।
इसी समस्यां के समाधान के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के काम में तेजी लाने के लिए एबीबी (ABB) ने बर्लिन में प्योरप्ले वेंचर बनाया है, जिसका लक्ष्य ई-व्हीकल फ्लीट ऑपरेटर्स की सभी जरूरतों को पूरा करना, आसान और किफायती सोल्यूशंस विकसित करना होगा। एडब्ल्यूएस (AWS) के साथ काम करते हुए यह नया वेंचर आपसी समन्वय से संचालित फ्लीट मैनेजमेंट सोल्यूशन डिजाइन डिवेलप करेगा, जो सभी इलेक्ट्रिक वाहनों और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों पर खरा उतरे। मशीन लर्निंग और एनालिटिक्स का इस्तेमाल करते हुए इसमें चार्ज प्लानिंग और वाहनों की निगरानी के फीचर्स भी शामिल किए जाएंगे। इसके साथ ही वाहनों की सेहत, सर्विसिंग और दिन, मौसम और इस्तेमाल के पैटर्न के आधार पर अनुकूल रूट बताने के फीचर्स भी रहेंगे।