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दिल्ली में हजारों सेक्स वर्कर्स ने COVID कर्फ्यू के बाद मांगी सरकार से मदद

कोरोना ने इस साल एक बार फिर से अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पिछले साल जहां कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने लोगों की रोजी रोटी छीन ली थी। लॉकडाउन के असर से अभी तक कुछ लोग उभर नही पायें है। भारत ही नही बल्कि दुनियाभर में कई लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। इस परिस्तिथि में कई को अपने व्यवासाय बंद करने पर मजबूर होना पड़ा है।

दिल्ली में रहने वाले 3,000 सेक्स वर्कर्स ने दिल्ली सरकार से भोजन और बुनियादी जरूरतों के लिए वित्तीय सहायता मांगी है। इस समुदाय ने अपनी यह मांग तब उठाई है जब दिल्ली में अप्रैल के महीने में कोरोना केस के मामले बढ़ने से नाईट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू जैसे फैसले लिए गए।  ज्यादातर वर्कर्स का निवास स्थान दिल्ली के श्रद्धा नंद मार्ग पर स्थित है, जिसे जीबी रोड के नाम से जाना जाता है।

“द सेंटर फॉर हॉलिस्टिक डेवलपमेंट” नाम के एक गैर-सरकारी NGO संगठन ने इन वर्कर्स की मदद करने के लिए सरकार से मदद मांगी है। इस संस्था ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को इन सेक्स वर्कर्स की कठिन परिस्तिथियों का वर्णन करते हुए एक पत्र लिखा है। पत्र में जानकारी दी गई है कि इन वर्कर्स के ज्यादातर क्लाइंट्स काम से फ्री होकर रात के समय और वीकेंड पर आते है। लेकिन कोरोना महामारी के प्रतिबंधों के कारण इस विशेष समुदाय के व्यवसाय में हानि हो रही है।

मदद करने वाले NGO का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण इन लोगों की चिंता जायज है। कोरोना के समय में सब लोग एक दुसरे से दो गज की दुरी बना रहे है तो इन लोगों की मदद करना और भी ज्यादा जरुरी है। NGO लॉकडाउन के नियमों के खिलाफ नही है। लेकिन सरकार को इन लोगों की गंभीर परिस्तिथि को समझते हुए इनकी वित्तीय मदद तुरंत करनी चाहिए।

NGO के संस्थापक सुनील कुमार अलेडिया के अनुसार “सेक्स वर्कर हमारे समाज के सबसे हाशिए पर है, यह लोग सबसे अधिक रूढ़िबद्ध, और सबसे कलंकित समुदायों में से एक हैं और कोई भी उनके कल्याण के बारे में नहीं सोचता है। इन सभी वर्कर्स का जीवन यापन इनकी दैनिक आधार की कमाई पर निर्भर करता है। इस साल भी कोरोना पहले से ज्यादा संक्रामक लग रहा है जिस कारण इन वर्कर्स में दूसरा लॉकडाउन लगने का डर है। इसीलिए हम अपने NGO के मध्यम से दिल्ली एवं केंद्र सरकार से इन लोगों की मदद के कि गुहार लगा रहे है।           

गोरतलब है कि पिछले साल महामारी के समय में लगा लॉकडाउन सेक्स वर्कर्स के लिए दोगुनी आपदा की तरह था। उस समय कई दिनों तक कमाई ना होने के कारण वर्कर्स और उनके परिवार के लिए खाने पिने का इंतजाम करना कठिन हो गया था।


Featured Image Credit: The Print

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