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पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2020-21 फाइनेंशियल ईयर में बढ़ा FDI

2020-21 फाइनेंशियल ईयर में शुरूआती 10 महीनों में एफडीआई में वृद्धि दर्ज की गई है. यह वृद्धि 2019-20 के पिछले साल की तुलना मे ज्यादा है.

रिपोर्ट के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में 72.12 बिलियन डॉलर की एफडीआई का प्रवाह भारतीय अर्थव्यवस्था में हुआ. इससे पहले 2019-20 के वित्तीय वर्ष में यह प्रवाह 62.72 बिलियन डॉलर का था.

मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के आंकड़ों से जानकारी मिलती है कि एफडीआई का प्रवाह शुरूआती 10 महीनों में 54.18 बिलियन डॉलर था जो कि 28% की दर से बढ़ा है जबकि 2019-20 के वित्तीय वर्ष में यह 42.34 बिलियन डॉलर था.

चीन के बाद भारत निवेश के लिए दूसरा सबसे बड़ा विकल्प है इसलिए बहुत से देश भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित हुए है. इसी दिशा में सिंगापुर भारत में निवेश के मामले में पहले स्थान पर है जिसने 30.28 % की दर से एफडीआई में अपना योगदान दिया है इसके बाद यूएस का स्थान है जिसने 24.28% का योगदान एफडीआई में दिया तीसरे स्थान पर यूएई का स्थान है जिसने भारत में 7.31% के एफडीआई में अपनी भूमिका निभाई. यह आंकड़े 2020-21 फाइनेंशियल ईयर के शुरूआती 10 महीनों के थे.

वहीं अगर जनवरी 2021 माह की बात की जाए तो भारतीय मिनिस्ट्री के अनुसार जापान 29.09 % के निवेश के साथ पहले स्थान पर रहा है जबकि सिंगापुर ने 25.46 % का निवेश भारत में किया है जिसके साथ वह जनवरी में दुसरे स्थान पर रहा. तीसरे स्थान पर 12.06 % के निवेश के साथ अमेरिका रहा.

अगर इस वित्तीय वर्ष के शुरूआती 10 माहि निवेश के प्रमुख सेक्टर्स की बात की जाए तो कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के क्षेत्र में सबसे ज्यादा निवेश देखने को मिला ये सेक्टर बढ़ी तेजी से भारत में उभरा है. 2020-21 फाइनेंशियल ईयर में इस सेक्टर में 45.81 % का सबसे अधिक निवेश हुआ. इसके बाद कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री (इंफ्रास्ट्रक्चर) में 13.37 % और सर्विस सेक्टर में 7.80 % का निवेश प्राप्त हुआ.

लेकिन अगर जनवरी 2021 के टॉप सेक्टर्स की बात की जाए तो कंसल्टेंसी सर्विसेज 21.80 % निवेश की दर से पहले स्थान पर रही वहीं दुसरे स्थान पर कंप्यूटर सॉफ्टवेयर – हार्डवेयर इंडस्ट्री रही जिसमे 15.96 % का बाहरी निवेश हुआ और अंत में सर्विस सेक्टर 13.64 % निवेश के साथ तीसरे स्थान पर रहा.

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