यूक्रेन संकट: यूक्रेन में रूस के द्वारा किए गए आक्रमण की असहमति वाले प्रस्ताव पर मतदान के लिए UNSC का आपातकालीन सत्र जारी है। इस आपातकालीन सत्र में कई देशों ने यूक्रेन में रूस की सैनिक कार्यवाही की निंदा की है. अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि हमारे बुनियादी सिद्धांतों पर रूस के द्वारा किया गया हमला ढीठ और बेशर्मी भरा है, यह हमारी अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के लिए ख़तरा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत और चीन ने यूक्रेन पर आक्रमण की निंदा करते हुए सुरक्षा परिषद के वोट से परहेज़ किया। भारत ने इस वोटिंग से परहेज करने के बाद अपना पक्ष रखते हुए कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अपनी बात संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् में रखी.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि इस बात से खेद है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया है हमें उस पर लौटना होगा। इन सभी कारणों से, भारत ने इस प्रस्ताव पर परहेज़ करने का विकल्प चुना है. यूक्रेन में हाल ही में हुए घटनाक्रम से भारत बेहद परेशान है। हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त के सभी प्रयास किए जाएं। नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई भी समाधान नहीं निकाला गया है. सभी सदस्य देशों को रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए सिद्धांतों का सम्मान करने की आवश्यकता है। मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए संवाद ही एकमात्र उत्तर है, हालांकि इस समय ये कठिन लग सकता है.