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लॉ-पेराउस युद्दाभ्यास: फ्रेंच नेवी शिप का भारतीय कोच्चि पोर्ट पर भव्य स्वागत

french navy ship welcomed

फ्रांस के दो शिप, हेलीकाप्टर कैरियर “टोनेर” और “सर्कोफ” फ्रिगेट लॉ-पेराउस नौसेना अभ्यास का नेतृत्व करने के लिए भारतीय तट कोच्चि पर पहुंचे. क्वाड देशों की नौसेना बंगाल की खाड़ी में होने वाली लॉ-पेराउस नेवल एक्सरसाइज मे हिस्सा लेगी. यह नेवी एक्सरसाइज 4-7 अप्रैल के बीच आयोजित होगी. भारत, फ़्रांस, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान की नेवी इस नौसैनिक अभ्यास में शामिल है. भारतीय नेवी के दो सीनियर ऑफिसर्स की उपस्तिथि में फ़्रांस के नौसैनिक दस्ते का स्वागत नेवी बैंड द्वारा किया गया. टोनेर शिप पर फ़्रांस नेवी के 600 से अधिक अधिकारी मौजूद है जिनमे से 150 युवा ऑफिसर्स को ट्रेनिंग के उदेश्य से इस नेवी एक्सरसाइज में शामिल किया गया है. हिन्द महासागर में युद्धाभ्यास के बाद यह फ्रेंच शिप जापान की और रवाना होंगे जिसके बाद यह 5 महीने के बाद ही फ़्रांस लौटेंगे.

A French Navy Ship Arrive at Indian Coast Kochi (Pic Credit : ANI)


हिन्द महासागरीय क्षेत्र में क्वाड देशों के इस संयुक्त अभ्यास का बहुत महत्त्व है. हिंद महासागर क्षेत्र में किसी भी एक देश का दबदबा न हो इसके लिए इस इलाके में संतुलन स्थापित करना बहुत ही महत्पूर्ण है. चीन भी लगातार दक्षिणी चीन सागर और हिन्द महासागर के क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाना चाहता है. भारत पहली बार लॉ-पेराउस नेवी एक्सरसाइज में शामिल हुआ है यह फ्रांस और भारत के द्विपक्षीय संबंधों का नतीजा है. भारत इससे पहले 2020 में जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेललिया के साथ मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास कर चुका है.

A French Navy Ship Arrive at Indian Coast Kochi (Pic Credit : ANI)



हिंदमहासागर में संयुक्त रूप से बड़े देशों के एक साथ आने से इस क्षेत्र में चीन और पश्चिमी देशों के बीच के संबंधों में तकरार जारी रहेगा वहीँ भारत के इन मोर्चों में शामिल होने से भारत और चीन के द्विपक्षीय सम्बन्ध भी चुनौतीपूर्ण रहने वाले है. व्यापार और सामरिक शक्ति के दृष्टिकोण से हिंदमहासागर का क्षेत्र सभी लाभार्थी देशों के लिए महत्वपूर्ण है.

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