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वैदिक शिक्षा के लिए राजस्थान सरकार बनाएगी शिक्षा बोर्ड

भारतीय प्राचीन वैदिक शिक्षा को महत्त्व देने के लिए राजस्थान सरकार वैदिक शिक्षा एवं संस्कार बोर्ड की स्थापना करने जा रही है। इस कार्य में 3 से 4 महीने का वक्त और लगेगा। राजस्थान में तकनीकी और संस्कृत शिक्षा विभाग (स्वतंत्र प्रभार) के राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने वैदिक शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया और कहा कि हम छात्रों को सिखाएंगे कि कैसे वैदिक शिक्षा विज्ञान और योग से जुड़ी है। और ऐसा करने के लिए हमे एक बोर्ड की जरुरत पड़ेगी जो कि इस विषय से जुड़े जरुरी निर्णयों को पूरा कर सके। इस काम को पूरा करने के लिए एक विशेष कमिटी का गठन किया है जो कि 3-4 महीने के अन्दर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। डॉ. अनुला मौर्य, रामप्रसाद महाराज, डॉ. सुषमा सिंघवी, फिरोज अख्तर,रामसिंह चौहान, एन.एस. बिस्सा,डॉं. राजकुमार जोशी इन सभी को इस कमिटी का मुख्य सदस्य बनाया गया है। हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय प्राचीन संस्कृतियों और और परम्पराओं के महत्त्व के बारे में अपनी बात प्रेस मीडिया में रखी थी जिसमे वह इन संस्कृतियों को भव्य विरासत बताते है। अब राजस्थान सरकार कि और से इस बोर्ड की स्थापना के लिए कमिटी का भी गठन हो गया है। वैदिक शिक्षा हमेशा से ही भारतीय संस्कृतिक विरासत के लिए एक मुख्य विषय रहा है और समय-समय पर इस शिक्षा की जरुरत से सम्बंधित बात उठती रही है।

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