रेलवे एग्जाम विवाद के कारण कुछ कथित छात्रों ने बुधवार को रेल रोककर अपना विरोध प्रदर्शन किया था। जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया और लगभग 1000 लोगों पर पुलिस की तरफ से रेलवे के काम में बाधा पहुंचाने और दंगा करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। अब इस घटना के बाद नई खबर यह आ रही है कि उत्तर प्रदेश प्रशासन ने अनावश्यक बल प्रयोग करने वाले 6 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
कल की घटना में जब कुछ कथित छात्र रेलवे के एग्जाम में अव्यवस्था का विरोध करने के लिए अपना प्रदर्शन कर रहे थे तो यूपी के कुछ पुलिस अधिकारियों के द्वारा बल प्रयोग की तस्वीरे सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी। विपक्षी पार्टियों ने इस विडियो के सामने आने की बाद यूपी सरकार पर छात्रों से बदसलूकी को लेकर सवाल उठाए थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति पर टिपण्णी करते हुए कहा था कि आरोपी ने अशांति पैदा करने के लिए “कुछ राजनीतिक दलों से पैसे” लिए थे जिसकी जांच के लिए पुलिस ने टीम का गठन कर दिया है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान प्रदीप यादव और मुकेश यादव के रूप में हुई है, जबकि एक अन्य संदिग्ध राजेश सचिन को पुलिस उसके सोशल मीडिया पर दिए गए भड़काऊ ब्यान के बाद तालाश रही है।
इस घटनाक्रम में पुलिस अधिकारियों के निलंबन के बाद प्रयागराज में स्तिथ पुलिस लाइन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय कुमार ने मीडिया में जानकारी दी कि कल की घटना में कुछ पुलिसकर्मी बल प्रयोग कर रहे थे जिनकी पहचान राकेश भारती, एसआई शैलेंद्र यादव, एसआई कपिल कुमार चहल और कांस्टेबल मोहम्मद आरिफ, अच्छे लाल और दुर्वेश कुमार के रूप में हुई थी। इसलिए पुलिस प्रशसा की और से उन्ही तत्काल प्रभाव से निलाबित करके उन पर कारुवाही की जाएगी।
