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महाराष्ट्र में मुंबई के पास बनेगा 72 हजार करोड़ की लागत से नया बंदरगाह

नई दिल्ली : सरकार ने देश में अवसंरचना सुविधाओं के विस्तार के प्रयासों के तहत मुंबई के पास वधावन में 76,220 करोड़ रुपये की लागत से एक नया बंदरगाह बनाने का फैसला किया है।
सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में इस विषय में मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि यह गहरे समुद्र का बंदरगाह पूरी तरह तैयार होने पर दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में से एक होगा। इसकी कुल क्षमता 2.3 करोड़ टीयू -20 फुट वाले कंटेनर की होगी। वधावन बंदरगाह को पालघर जिले के वधावन में सभी मौसम के लिए उपयुक्त डीप ड्राफ्ट प्रमुख बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा जिसमें जहाजों का रास्ता इतना गहरा होगा कि उसमें बड़े से बड़े जहाज आ जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीटी) से करीब 150 किलोमीटर दूर नया बंदरगाह बनेगा और इसका विकास जेएनपीटी और महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड (एमएमबी) की संयुक्त उद्यम कंपनी द्वारा किया जाएगा।
श्री वैष्णव ने बताया कि बंदरगाह का पहला चरण 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है जिसकी सालाना क्षमता 1.5 करोड़ कंटनर को संभालने की होगी। दूसरा चरण में 80 लाख कंटेनर संभालने की अतिरिक्त क्षमता का विस्तार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बधावन बंदरगाह के विकास का विचार 60 साल पहले किया गया था, लेकिन इस पर प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार अमल कर रही है। उन्होंने कहा कि इस बंदरगाह से न केवल मुंबई, थाणे और आसपास के औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगो को फायदा होगा बल्कि दिल्ली-मुंबई माल गाडी गलियारे से जुड़ा होने से देश के उत्तरी, पश्चिमी और अन्य क्षेत्र के उद्योगों को भी लाभ मिलेगा और माल ढुलाई की लागत कम हो सकेगी।
परियोजना का निर्माण वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड-वीपीपीएल द्वारा किया जाएगा, जो जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी- (जेएनपीए) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) द्वारा गठित एक विशेष प्रयोजन कंपनी में दोनों की हिस्सेदारी क्रमश: 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत होगी।

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