नई दिल्ली : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) की ओर ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट (जीपीएटी) के लिए की गयी ऑनलाइन आवेदन शुल्क में वृद्धि पर एतराज जताया है और एनबीईएमएस अध्यक्ष से शुक्ल बढ़ोतरी को कम करने की मांग की है।
गौरतलब है कि एनबीईएमएस मास्टर ऑफ फार्मेसी (एमफार्मा) पाठ्यक्रम में प्रवेश को इच्छुक योग्य उम्मीदवारों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए जीपीएटी के ऑनलाइन आवेदन शुल्क में भारी बढ़ोतरी की गई है। इसको लेकर अभाविप ने शुल्क वृद्धि के फैसले पर पुनर्विचार करने की माँग को लेकर एनबीईएमएस अध्यक्ष को पत्र लिखा है और इस शुल्क वृद्धि को कम करने की मॉंग की है।
इस बार सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए ऑनलाइन आवेदन का शुल्क 2200 रुपए से बढ़ाकर 3500 रुपए कर दिया गया है, जो कि विगत वर्ष की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि है। वहीं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी-एसटी) के अभ्यर्थियों के लिए शुल्क विगत वर्ष की तुलना में 1100 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए तय किया गया है, जो कि लगभग 125 फीसदी बढ़ोतरी है। इस शुल्क वृद्धि के कारण संबंधित श्रेणियों के अभ्यर्थियों को समस्याएं हो रही हैं।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि एनबीईएमएस के अंतर्गत एमफार्मा पाठ्यक्रम में हुई शुल्क वृद्धि से छात्रों में काफी असंतोष है। एनबीईएमएस इस शुल्क वृद्धि के फैसले पर पुनर्विचार करे और इसे वापस ले, ताकि छात्रों को समस्याओं से निजात मिल सके।
अभाविप ने की जीपीएटी के लिए शुल्क वृद्धि को वापस लेने की मांग
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