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DU के ‘स्वराज’ से ‘नया भारत’ कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे अमित शाह

दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा भारत ‘स्वराज’ से ‘नए भारत’ तक विचारों पर समीक्षा हेतु एक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन 19 मई को दिल्ली विश्वविद्यालय खेल परिसर के बहुउद्देशीय हॉल में होगा जिसमें मुख्यातिथि के तौर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह उपस्थित रहेंगे जबकि केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उद्घाटन समारोह के विशिष्ट अतिथि होंगे।सेमिनार के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा की जाएगी।
उद्घाटन सत्र के पश्चात भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन सचिव मुकुल कनितकर का विशेष व्याख्यान होगा। वह इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार के विषय के विभिन्न पहलुओं पर अपने दृष्टिकोण पर प्रकाश डालेंगे। 21 मई तक चलने वाले इस सेमिनार के उद्घाटन के पश्चात शेष शैक्षणिक सत्रों का आयोजन विश्वविद्यालय के कॉन्फ्रेंस सेंटर में होगा। गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय एक मई 2022 से एक मई 2023 तक अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। इस दौरान वर्ष भर अनेकों कार्यक्रमों/ आयोजनों/ गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

स्वराज से नए भारत की यात्रा सदियों से हमारी समृद्ध, सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और समग्र अस्तित्वगत विरासत को फिर से स्थापित करने और उन विचारों को मूर्त रूप देने की यात्रा है, जिन्होंने कभी हमें कल्पना के दायरे से बाहर एक समृद्ध सभ्यता बनाया। दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में पिछली दो शताब्दियों से हाल के दिनों में उभरे विचारों के माध्यम से भारत की इस यात्रा को समझने की परिकल्पना की गई
है। स्वराज, वंदे मातरम, स्वदेशी, सत्य और अहिंसा, अंत्योदय, सर्वोदय, राष्ट्रवाद, अंतर्राष्ट्रीयवाद, समाजवाद, लोकतंत्र, हिंदुत्व, एकात्म मानववाद, धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय, समरस्ता, बंधुत्व और सुराज आदि अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार के कुछ उप
विषय हैं।

ये वक्ता लेंगे सेमिनार में भाग

इस सेमिनार में चार पूर्ण सत्रों सहित सोलह सत्र होंगे और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्व के सौ के करीब विख्यात वक्ता इसमें अपने विचार रखेंगे। सेमिनार में भाग लेने वाले वक्ताओं में यूजीसी से राष्ट्रीय प्रोफेसर अशोक मोदक, आईसीएसएसआर के अध्यक्ष प्रो. कनागासाबापथी, यूजीसी सदस्य और पूर्व कुलपति प्रो. सुषमा यादव, जेएनयू कुलपति प्रो. शांतिश्री पंडित, आईजीएनसीए के सदस्य सचिव प्रो. सच्चिदानंद जोशी, शिक्षाविद और राज्यसभा सदस्य श्री सुधांशु त्रिवेदी, इतिहासकार और एनएमएमएल सीनियर फेलो प्रो. माखन लाल, पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय (यूएसए) के इतिहास विभाग से प्रो. लावण्या वेमसानी, आईआईएएस चेयरमैन प्रो. कपिल कपूर, आईसीएसएसआर के सदस्य सचिव प्रो. वी.के. मल्होत्रा, हिंदू यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका (फ्लोरिडा) से प्रो. कुंदन सिंह, सांची विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीरजा, एमएस यूनिवर्सिटी (वडोदरा) के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. अमित ढोलकिया और दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. संगीत कुमार रागी आदि प्रमुख हैं।
सेमिनार के उद्घाटन सत्र के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत स्नातक पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क 2022 के गुजराती, उड़िया और उर्दू भाषा में अनुवादित संस्करण के साथ-साथ इस सेमिनार में प्रस्तुत किए जाने वाले पेपरों के सार वाले अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का ब्रोशर भी रिलीज किया जाएगा।

केरल के राज्यपाल करेंगे तीन दिवसीय समारोह का समापन

इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार के समापन सत्र का आयोजन 21 मई को विश्वविद्यालय के कॉन्फ्रेंस सेंटर में होगा जिसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि होंगे और आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ विनय सहस्रबुद्धे विशिष्ट अतिथि
होंगे। इस समापन समारोह की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो योगेश सिंह करेंगे।

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