बुलंदशहर : उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जिले में प्रदूषण रोकने के लिए एनजीटी के आदेश पर पराली, फसल अवशेष, धान की पत्ती व कूड़ा जलाने को पूर्णतया प्रतिबंधित किया गया है। इस कार्य के लिए जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारी चन्द्रप्रकाश सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक कर कार्ययोजना तैयार की गई। अब जिले में सेटेलाइट की सहायता से निगरानी भी की जा रही है। डीएम ने बताया कि जिले में जो भी किसान पराली, धान की पत्ती व फसल अवशेषों को जलाता पाया गया। उस पर जुर्माना निर्धारित किया गया है। डीएम ने जिले के प्रत्येक गांव निगरानी समितियो, सचल दल इकाइयों को सक्रिय करने व प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों को फसल अवशेषों को न जलाने के लिए शपथ व जागरूकता प्रभात फेरी निकालने के निर्देश संबधित विभाग के अधिकारियों को दिये।
जिला कृषि अधिकारी राहुल तेवतिया ने बताया कि फसल अवशेषों को जलाने पर पर्यावरण प्रदूषित होता है। खेतों में केंचुए भी मर जाते हैं। जीवाणुओं की क्रियाशीलता भी कम हो जाती है जबकि फसल अवशेषों को किसान विविध प्रकार से उपयोग में ला सकते है। इनकी खेतों में जुताई करके मिटटी में मिलायें व यूरिया डालकर सिंचाई करें। फसल अवशेषों से वर्मी कम्पोस्ट व नाडेप कम्पोस्ट भी बनाया जा सकता है। जिससे खेत की जल धारण क्षमता बढ़ती है। इस दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त विवेक कुमार मिश्रा, सीडीओ कुलदीप मीणा आदि मौजूद रहे।