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ओडिशा में कालेधन को लेकर बीडीओ गिरफ्तार

भुवनेश्वर : ओडिशा सतर्कता विभाग ने एक महिला प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) को अवैध तरीके अर्जित की गयी लाखों की नकदी के मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार किया।
गुरुवार को छापेमारी के दौरान बीडीओ के कब्जे से अवैध तरीके से अर्जित की गई 4.92 लाख रुपये बरामद किये गये थे।
ओडिशा सतर्कता निदेशालय के सूत्रों ने कहा कि कालाहांडी जिले के गोलामुंडा ब्लॉक की बीडीओ अख्यमिता कार्तिक द्वारा बड़े पैमाने पर रिश्वत लेने के बारे में विश्वसनीय सूचना प्राप्त होने पर ओडिशा सतर्कता की एक टीम ने उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी हुई थी।

ओडिशा सतर्कता की टीम ने कल भवानीपटना-जूनागढ़ के बीच जारिंग के पास बीडीओ को उस समय रोका जब वह अपने कार्यालय वाहन में भवानीपटना-जूनागढ़-नबरंगपुर होते हुए कोरापुट की ओर जा रही थीं। बीडीओ ने भवानीपटना से कोरापुट की यात्रा के दौरान बड़ी चालाकी से अपने सरकारी वाहन के पिछले दरवाजे के अंदर नकदी छिपाकर रखी हुई थी।
अपने प्रशिक्षण और तलाशी के प्रोटोकॉल के आधार पर, सतर्कता टीम वाहन के पिछले दरवाजे के अंदरूनी हिस्से को खोलकर 4.92 लाख रुपये की नकदी बरामद करने में कामयाब रही।
सतर्कता सूत्रों ने कहा कि पूरी नकदी जब्त कर ली गई और बीडीओ इस रकम का संतोषजनक हिसाब नहीं दे सकी। इसके बाद कोरापुट और कालाहांडी में उनके दो स्थानों पर एक साथ तलाशी शुरू की गई।
सूत्रों ने कहा कि धन के स्रोत का पता लगाने के लिए बीडीओ से पूछताछ की जा रही है। इससे पहले, बीडीओ को कोसागुमुडा ब्लॉक, नबरंगपुर में तैनाती के दौरान पंचायती राज विभाग द्वारा वर्ष 2022 में कोविड फंड के दुरुपयोग के लिए निलंबित किया गया था।
रायगढ़ जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ तहसीलदार गुनुपुर में तैनात रहने के दौरान रेड क्रॉस फंड के दुरुपयोग के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज की थी।
कोरापुट सतर्कता प्रभाग ने उनके खिलाफ धारा 13 (2) आर/डब्ल्यू 13 (1) (बी) पीसी (संशोधन) अधिनियम, 2018 के तहत मामला दर्ज किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इससे पहले बीडीओ को भ्रष्टाचार के आरोपों में विभागीय जांच और पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद दो बार कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।

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