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केजरीवाल के करीबी बिभव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

नई दिल्ली : राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार ने अपनी जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। श्री बिभव ने दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से 12 जुलाई को अपनी जमानत याचिका खारिज किए जाने के आदेश को शीर्ष अदालत के समक्ष चुनौती देते हुए दावा किया कि उनके खिलाफ आरोप झूठे हैं और जांच पूरी हो जाने के कारण अब उनकी हिरासत की जरूरत नहीं।
श्री केजरीवाल के करीब माने जाने वाले श्री बिभव फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। उन पर 13 मई को मुख्यमंत्री के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर सुश्री मालीवाल पर हमला करने का आरोप है। इस मामले में 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन पर महिला को कथित तौर पर निर्वस्त्र करने के इरादे से आपराधिक धमकी, हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना और गैर इरादतन हत्या का प्रयास की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आरोपी का “काफी प्रभाव” है। उसे राहत देने का कोई आधार नहीं बनता। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अगर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाता है तो गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है या सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है।
दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उनके सवालों के जवाब टाल-मटोल वाले रहे हैं। पुलिस का आरोप है उन्होंने जानबूझकर अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड नहीं बताया, जो सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच में एक महत्वपूर्ण जानकारी है।

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