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निगम में स्थायी समिति का गठन नहीं होने के लिए भाजपा जिम्मेदार

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति का गठन नहीं होने या कार्य बाधित होने के लिए भाजपा और उपराज्यपाल वीके सक्सेना जिम्मेदार हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने निगम में स्थायी समिति नहीं होने से बाधित हो रहे काम को लेकर सोमवार को आये दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक सच्चे देशभक्त हैं। उनकी देशभक्ति, निष्ठा और उनकी ईमानदारी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। उनके विरुद्ध एक राजनीतिक षडयंत्र किया गया है। मोदी सरकार ने तानाशाही के तहत उन्हें जबरन जेल में डाला है, ये अब किसी से छिपा नहीं है।
उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल का इस्तीफा न देने का निर्णय केंद्र की भाजपा सरकार की तानाशाही के खिलाफ लोकतांत्रिक ढंग से अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने का निर्णय है। लोकतंत्र के अंदर मुख्यमंत्री कौन रहेगा और कौन नहीं, उसका निर्णय विधायक और विधानसभा लेती है और पिछले छह महीनों में तीन बार विधायकों ने उन्हें अपना नेता माना है और ये फैसला किया है कि श्री केजरीवाल के नेतृत्व में यह सरकार चलेगी और जेल जाने की परिस्थिति में भी जेल से सरकार चलेगी। बकायदा इसका प्रस्ताव पारित किया गया है। वहीं, श्री केजरीवाल का दिल्ली में किया गया काम न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया के अंदर अनुकरणीय उदाहरण बना हुआ है।
श्री सिंह ने कहा कि निगम में स्थायी समीति का गठन न होने के लिए अगर सबसे ज्यादा कोई व्यक्ति जिम्मेदार है, तो वह भाजपा के इशारे पर काम करने वाले उपराज्यपाल हैं। उपराज्यपाल ने मनमाने ढंग से भाजपा के नेताओं को नियम और कानून ताक पर रखकर एल्डरमैन बना दिया और उनको वोटिंग का अधिकार भी दे दिया। बाद में कोर्ट में उपराज्यपाल को मुंह की खानी पड़ी और नामित एल्डरमैन के वोट देने के अधिकार छीन लिये गये थे।

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