श्रीनगर : महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश के संविधान को नष्ट करने का आरोप लगाया।
सुश्री महबूबा ने उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी भोजनालयों, दुकानों और खाद्य ठेलों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को लेकर जारी आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह आरोप लगाया। गौरतलब है कि उप्र पुलिस के इस निर्देश की विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सदस्यों ने आलोचना की है और कहा है कि इसका उदेश्य मुस्लिम व्यापारियों को लक्षित करना है।
पूर्व विधायक खुर्शीद आलम के पीडीपी में शामिल होने के बाद सुश्री महबूबा ने संवाददाताओं से कहा, “अब यह स्पष्ट है कि भाजपा संविधान को कमजोर कर रही है, जो सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करता है और धर्म या नाम के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है…वे (भाजपा) संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी सही कर रहे थे कि अगर भाजपा 400 से अधिक सीटें हासिल करती है, तो वे संविधान को खत्म कर देंगी।
गौरतलब है कि श्री खुर्शीद आलम जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा देने के एक हफ्ते बाद आज पीडीपी में शामिल हो गए। इससे पहले श्री आलम ने मार्च 2021 में पीडीपी से इस्तीफा दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “भाजपा ने सीटों की संख्या 350 से घटकर 240 हो जाने के बावजूद सबक नहीं सीखा है।” उन्होंने कहा कि इस तरह के निर्देश राष्ट्रीय अशांति का कारण बन सकते हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इस चुनाव में उन्हें वोट देने वाले लोगों को यह संकेत मिल गया होगा कि वे किसी भी कीमत पर संविधान को नष्ट करना चाहते हैं। पहले वे मुसलमानों के अधिकारों को समाप्त करना चाहते हैं, फिर दलितों को निशाना बनाया जाएगा और बाद में पिछड़े वर्गों को निशाना बनाया जाएगा, क्योंकि वे (भाजपा) एक नई व्यवस्था बनाना चाहते हैं.. और उन्होंने उप्र में जो किया है वह भारत के संविधान के खिलाफ है।”
सुश्री महबूबा ने कहा कि जब लोग इस निर्देश के खिलाफ आवाज उठा रहे है, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मुद्दे पर चुप हैं। उन्होंने कहा, “केवल मोदीजी इस पर चुप हैं। उन्हें इसके पक्ष में या खिलाफ होना चाहिए। उन्हें इस बारे में बोलना चाहिए।”