नई दिल्ली : गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि शराब नीति तो सिर्फ एक बहाना है, असल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का लक्ष्य ‘आप’ को खत्म कर देना है। राय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) द्वारा समन किए जाने को लेकर आज संवाददाताओं से कहा कि इससे पहले केन्द्री जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी बुलाया था और श्री केजरीवाल ने सभी सवालों के जवाब दिए थे। ईडी ने सोमवार को जिस तरह से देर रात नोटिस जारी किया है वह इस बात को दर्शा रहा है कि सभी सवालों का जवाब देने के बावजूद भाजपा की केंद्र सरकार का ‘आप’को खत्म करने का मिशन है। ‘आप’ की सरकार बनने के बाद से इसे खत्म करने के लिए साजिश चल रही है और अब भाजपा के लोग ईडी के जरिए श्री केजरीवाल की गिरफ्तारी की तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा,“ बहुत सारे लोग कहते हैं कि श्री केजरीवाल से भाजपा को डर लगता है इसलिए विपक्ष में सबसे ज्यादा लक्षित रूप से ‘आप’ के नेताओं पर हमला किया जा रहा है। सत्ता के अहंकार में जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके ‘आप’को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। अगर मसला सिर्फ शराब नीति का होता तो इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय पर सीबीआई का छापा नहीं पड़ा होता और शुंगलू कमेटी ने एक-एक फाइल को नहीं खंगाला होता। इससे पहले भाजपा ने हमारे विधायकों पर 170 से अधिक मुकदमा करके उनको तोड़ने की कोशिश की।”
राय ने कहा,“ इन सभी कार्रवाई से दो चीजें निकल कर सामने आ रही हैं। पहली, ‘आप’ इनकी नाक के नीचे इनको चुनौती दे रही है। अगर ‘आप’ हर नेता को जेल में बंद कर देंगे तब भी पार्टी खत्म नहीं होगी। राख से जो आग पैदा होती है, उसका नाम आम आदमी पार्टी है। भाजपा ने आम आदमी पार्टी को खत्म करने की बहुत सारी कोशिशें कर ली, लेकिन आज तक खत्म नहीं हुई। जितनी बार आम आदमी पार्टी को खत्म करने की कोशिश की गई है, उतनी बार और ताकत के साथ ‘‘आप’’ खड़ी हो रही है।”
उन्होंने कहा,“ प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार से लड़ने का पैमाना यही है कि श्री अजीत पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में थे तो ईडी के छापे पड़ रहे थे। श्री पवार राकांपा को तोड़कर भाजपा की सरकार में शामिल हो गए तो ईडी उनके घर का पता ही भूल गई। अब ईडी-सीबीआई को नहीं पता है कि अजीत पवार नाम कोई व्यक्ति भी भारत के अंदर है।”