बागपत : उत्तर प्रदेश के बागपत जिलों में पुलिस ने दो पूर्व मिले अधजले अज्ञात शव मामले का आज खुलासा करते हुए बताया कि मृतका के भाई और भाभी ने ही उसकी हत्या को अंजाम दिया। पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने आज यहां जानकारी दी कि 02 नवंबर को थाना कोतवाली बागपत पर वादी चौकीदार रणसिंह पुत्र श्रीचन्द निवासी ग्राम सिसाना ने सूचना मिली थी कि अज्ञात अभियुक्तों द्वारा एक अज्ञात महिला के शव को ग्राम सिसाना में श्मशान घाट के पास जला दिया गया है। जिसका अधजला शव शमशान घाट के पास कूडाघर में पड़ा है। इस सम्बन्ध में तहरीर के आधार पर कोतवाली बागपत पर अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए क्राइम ब्रांच की इंटेलिजेंस टीम, सर्विलांस सैल टीम, फील्ड यूनिट की टीमों सहित कोतवाली बागपत की टीमों का गठन कर घटना के सफल अनावरण के लिए टास्क निर्धारित किया गया था। इसी क्रम में सभी टीमों द्वारा इलैक्ट्रॉनिक सर्विलांस, सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल तथा विभिन्न टीमों द्वारा किए गए मैराथन प्रयासों के पश्चात् घटना का सफल अनावरण किया गया। अज्ञात मृतका की शिनाख्त मनीषा चौहान पुत्री स्व़ हर्षवर्धन निवासी गांव सदरपुर सेक्टर 45 थाना सेक्टर 39 गौतमबद्धनगर के रूप में हुई।
पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए 02 अभियुक्तों विवेक चौहान उर्फ मनीष पुत्र स्व़ हर्षवर्धन, शिखा पत्नी विवेक चौहान उर्फ मनीष निवासीगण ग्राम सदरपुर जनपद गौतमबद्धनगर के नाम प्रकाश में आये जो कि मृतका मनीषा के सगे भाई व भाभी हैं। एक अन्य अभियुक्त पवन पुत्र ओमपाल निवासी ग्राम सिसाना थाना जनपद बागपत की गिरफ्तारी का प्रयास जारी है। अभियुक्तों से की गई पूछताछ के दौरान बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त विवेक चौहान मृतका का सगा भाई तथा गिरफ्तार अभियुक्ता शिखा मृतका की सगी भाभी है।
अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभियुक्त पवन की शिखा के साथ कई वर्षों से दोस्ती और घर पर आना जाना था। शिखा की ननंद मृतका मनीषा के द्वारा इसका विरोध किया जाता था। मनीषा ने शिखा व पवन के बीच की कुछ वीडियो व चैट बरामद कर गोपनीय रूप से परिजनों को उपलब्ध करा दिया था, जिससे शिखा और मनीषा के बीच अनबन रहती थी। मनीषा के नाम पर उसके स्वर्गीय पिता हर्षवर्धन की पैतृक सम्पत्ति भी थी।
उन्होंने मनीषा के अन्य परिजनों के हवाले से बताया कि भाई व भाभी उसके साथ मारपीट करते थे। इसी पैतृक सम्पत्ति व दोस्ती के कारण मनीषा के भाई विवेक ने शिखा और उसके मित्र पवन के साथ मिलकर मनीषा की हत्या की योजना बनायी थी। उसके शव को ठिकाने लगाने के लिए पवन ने शव को स्विफ्ट गाड़ी में डालकर अपने गांव सिसाना में शमशान घाट के पास पहुंचा और वहां 02 नवंबर को ज्वलनशील पदार्थ डालकर शव को जला दिया।
पवन ग्रामीणों को आता जाता देख शव को अधजला छोडकर अपनी गाडी से फरार हो गया। पुलिस को इस घटना का पता चलने व पुलिस द्वारा सक्रियता बढाने का अन्देशा होने पर पवन, विवेक और शिखा ने मनीषा की गुमशुदगी थाना सैक्टर 39 में 03 नवंबर को दर्ज करायी गई थी। पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त एक गाड़ी स्विफ्ट बरामद हुई है।अभियुक्तों के खिलाफ कोतवाली बागपत पर विधिक कार्यवाही की गई है। पुलिस अधीक्षक द्वारा इस घटना का खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार रुपये के ईनाम से पुरस्कृत किया गया है।
भाई ने की बहन की हत्या
