नई दिल्ली : मल्लिकार्जुन खडगे तथा पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट 2024-25 को ‘कुर्सी बचाए’ रखने के लिए गठबंधन के सहयोगियों की बात मानकर उन्हें खुश करने वाला बजट करार दिया और कहा कि इसमें कांग्रेस के न्याय एजेंडे की नकल का विफल प्रयास किया गया है।
श्री खडगे ने कहा “कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का यह ‘नकलची बजट’। मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी ‘रेवड़ियां’ बाँट रहा है, ताकि राजग बची रहे। ये ‘देश की तरक्की’ का बजट नहीं, ‘मोदी सरकार बचाओ’ बजट है।”
श्री गांधी ने कहा “यह ‘कुर्सी बचाओ’ बजट है। सहयोगियों को खुश करें- अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे। अपने मित्रों को खुश करें- एए को लाभ, आम भारतीय को कोई राहत नहीं। कॉपी और पेस्ट करें: कांग्रेस का घोषणापत्र और पिछले बजट।”
कांग्रेस के लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने बजट को निराशाजनक बताया और कहा कि इसमें सरकार ने कई सामान्य मुद्दों पर भी ध्यान नहीं दिया है। मनरेगा, स्वासथ्य आदि को लेकर बजट में कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है।
पार्टी नेता जयराम रमेश ने बजट को बेहद निराशाजनक बताया और कहा कि इसमें दशकीय जनसंख्या जनगणना के लिए निधि जारी करने का उल्लेख नहीं है। जनगणना 2021 में होनी थी लेकिन अब तक नहीं की गई है और आज़ादी के बाद यह पहला मौका है जब जनगणना समय पर नहीं हुई है। जनगणना का समय पर न होना राज्य की प्रशासनिक क्षमताओं पर एक बड़ी बाधा है और इसके गंभीर दुष्परिणाम होते हैं। इकसी वजह से वज़ह से 10-12 करोड़ लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे से बाहर हो जाते हैं।