चेन्नई : वन्यजीव पुनर्वास एवं संरक्षण केंद्र (सीडब्ल्यूआरसी) के आदेश के अनुसार कावेरी जल नहीं छोड़ने के कर्नाटक के रुख की कड़ी निंदा करते हुए तमिलनाडु सरकार ने अगले कदम पर चर्चा के लिए मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी।
तमिलनाडु सरकार की ओर से सोमवार को यहां जारी एक बयान में बताया गया कि राज्य सचिवालय में मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे होने वाली बैठक की अध्यक्षता जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन करेंगे। इस दौरान, विधायक दल के नेता इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करेंगे। जिसके बाद, कानूनी विशेषज्ञों के परामर्श पर आगे की कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।
इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री व द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने कहा कि कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने वर्तमान दक्षिण पश्चिम मानसून को ध्यान में रखते हुए, कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और सीडब्ल्यूआरसी के बाद कर्नाटक को 12 जुलाई से तमिलनाडु के लिए प्रति दिन एक टीएमसी फीट पानी छोड़ने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि, यह चौंकाने वाली बात है कि कर्नाटक ने इस निर्देश के अनुसार तमिलनाडु को कावेरी का पानी देने से इनकार कर दिया है।
यह कहते हुए कि तमिलनाडु सरकार ने इस आदेश को तुरंत लागू करने के लिए सीडब्ल्यूएमए को लिखा है, श्री स्टालिन ने कहा कि सीडब्ल्यूआरसी के आदेशों के अनुसार कर्नाटक द्वारा पानी छोड़ने से इनकार करना शीर्ष अदालत के आदेशों का भी उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि आज की तारीख में कर्नाटक के चार महत्वपूर्ण जलाशयों में कुल भंडारण स्तर 75,586 टीएमसीएफटी है और भारतीय मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि इस बार अच्छी बारिश होगी। उन्होंने कहा कि कावेरी डेल्टा क्षेत्र में किसानों के लिए सिंचाई की जीवन रेखा मेट्टूर बांध में भंडारण स्तर 13,808 टीएमसीएफटी है।
कावेरी विवादः तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को बुलायी सर्वदलीय बैठक
