श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर संसदीय क्षेत्र से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के उम्मीदवार वहीद-उर-रहमान पारा ने रविवार को केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामलों से जुड़े लोगों के लिए सामान्य माफी की घोषणा करने की अपील की।
श्री पारा ने मीडियाकर्मियों से कहा कि कश्मीर घाटी में चरणबद्ध तरीके से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्सपा) को हटाने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का स्वागत किया। उन्होंने कहा,“एएफएसपीए से भी बड़ा यूएपीए है जिसके तहत घाटी के युवा जेलों में सजा काट रहे हैं। मुझ पर दो बार यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया और जेल में डाल दिया गया।”
उन्होंने कहा कि जिन कश्मीरी युवाओं पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया और उन्हें बाहरी जेलों में डाल दिया गया उन्हें माफ कर दिया जाना चाहिए तथा सामान्य माफी एवं राष्ट्रीय एकता कार्यक्रम के तहत मुक्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा,“उनकी पार्टी इसके लिए काम करेगी और पूरी कोशिश करेगी कि एक सामान्य जन माफी कार्यक्रम के तहत जेलों में बंद कश्मीरी युवाओं को पुनर्एकीकरण कार्यक्रम के माध्यम से रिहा किया जाए।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उन सभी कश्मीरी युवाओं की केस-दर-केस जांच करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए जो जेलों में हैं और यह देखना चाहिए कि जहां संभावना है उन्हें माफ कर रिहा किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा,“जम्मू-कश्मीर का मुख्य मुद्दा इस समय हर जगह शांति है। लोग घुटन महसूस कर रहे हैं और बोल नहीं रहे हैं। हमारी पार्टी की सबसे बड़ी पहल यह होगी कि लोगों को लगे कि उनकी बात सुनी जा रही है।”
श्री पारा ने कहा,“न केवल कश्मीर या उसकी गलियों या उप-गलियों में, बल्कि भारत की संसद के सर्वोच्च सदन में भी लोगों को महसूस होना चाहिए कि उनकी बात सुनी जा रही है और हम पूरी कोशिश करेंगे कि कश्मीर की धरती से आवाज संसद तक पहुंचे।”