श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है। उमर ने कहा कि उनकी पार्टी चुनावों के साथ अन्य सभी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कोई भी चुनाव आसान नहीं होता।
इस बार केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोकने में लग रही है। हमने पिछला चुनाव बहुत कठिन परिस्थिति में लड़ा। …चाहे 1996 हो या 1998-99, जब मैंने संसद का चुनाव लड़ा तो जोरदार बहिष्कार का आह्वान किया गया था।”
अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी और गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के बीच संभावित चुनाव पूर्व गठबंधन के मुद्दे पर श्री उमर ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि जम्मू-कश्मीर के लोग इस तरह की स्थिति देखेंगे और सभी नेकां को हराने के लिए एकजुट हुए होंगे। श्री उमर ने 1977 के चुनावों का जिक्र किया जब जम्मू-कश्मीर में भी इसी तरह के हालात थे।
उमर ने कहा, “उस समय शेर-ए-कश्मीर (नेकां के संस्थापक एवं श्री उमर के दादा दिवंगत शेख मोहम्मद अब्दुल्ला) को हराने के लिए जनता पार्टी के साथ यहां की पार्टियां और धार्मिक नेता एकजुट हो गए, लेकिन 1977 का नतीजा सबके सामने है। इस बार भी जो भी मिलना चाहे, चाहे वह बी-टीम हो, सी-टीम हो या डी-टीम हो, वे मिल सकते हैं… हम इस परीक्षण और चुनाव के लिए तैयार हैं। वे जितनी जल्दी इसकी घोषणा करें उतना बेहतर होगा। हमें यकीन है कि लोग हमारा समर्थन करेंगे।”