नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को साफ-साफ निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव प्रचार के काम में बच्चों का इस्तेमाल न करें। आयोग ने कहा कि इस मामले में कोई भी अवहेलना ‘रत्ती भर भी स्वीकार्य नहीं होगी।’ आयोग ने सोमवार को इस बारे में राजनीतिक दलों, चुनाव में प्रत्याशियों और निर्वाचन मशीनरी को कड़े निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि इस मामले में लोगों को बाल श्रमिक (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 और इसमें 2016 में किए गए संशोधनों का कड़ाई से पालन करना होगा।
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आयोग के इन दिशा-निर्देशों में मुंबई उच्च न्यायालय का चेनत रामलाल भुटाडा बनाम महाराष्ट्र राज्य सरकार एवं अन्य के मामले में 04 अगस्त 2014 के उस आदेश का विशेष रूप से उल्लेख किया है जिसमें राजनीतिक दलों को चुनाव संबंधी कामों में बच्चों को लगाने को कड़ाई से मना किया गया है। आयोग ने सरकारी चुनाव मशीनरी को भी इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करने को कहा है और ऐसा न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।