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हिमाचल में मनाली-लेह हाईवे पर सिस्सू के पास दरार

शिमला : हिमाचल प्रदेश के मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिस्सू के पास दरार आने से सड़क को खतरा हो गया है। पिछले सप्ताह हुए ताजा हिमपात के बाद यहां एकाएक दरार आ गई जो सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के लिए चुनौती बन गया है। अब स्थानीय लोगों ने वाया तेलिंग-शुरतंग-नर्सरी सड़क के विस्तारीकरण की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि सिस्सू के पास आई दरार से आने वाले पर्यटन सीजन पर असर पड़ सकता है। ऐसे में ग्रामीणों ने प्रशासन से वैकल्पिक मार्ग तेलिंग वाया शुरतंग से नर्सरी तक जोड़ने वाली सड़क को बीआरओ के अधीन कर इसका विस्तारीकरण किया जा सकता है।
ग्रामीण जगदीश चंद, जगत सिंह, अनिल, कर्म सिंह, ओम प्रकाश, मनोज व विशाल ने कहा कि अगर लोक निर्माण विभाग तेलिंग-शुरतंग-नर्सरी तक आठ किलोमीटर सड़क को बीआरओ के अधीन करता है तो ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन कारोबार तो बढ़ेगा ही, इसके अलावा यात्रा भी सुरक्षित होगी। सिस्सू पंचायत के प्रधान राजीव ने बताया कि बुधवार को बीआरओ के कमांडर और उनकी टीम ने क्षतिग्रस्त सड़क का जायजा लिया है। इसमें पंचायत, वन विभाग और जलशक्ति विभाग से चर्चा कर सड़क को दुरुस्त करने के उपाय के बारे में बातचीत की।
राजीव ने बताया कि गुरुवार से बीआरओ की मशीन सेल्फी प्वाइंट में सुरक्षा दीवार लगाने के लिए खोदाई करेगी और चंद्रा नदी की तरफ से भी डंगे लगाने का कार्य शुरू किया जाएगा। सिस्सू पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई उत्तम चंद ने बताया कि सड़क में दरार आने से खतरा बढा है। दोनों ओर पुलिस जवान तैनात हैं। वाहनों की आवाजाही एकतरफा की गई है। हालात देखकर ही गाड़ियों को आरपार करवाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से खासकर पर्यटकों से आग्रह किया कि जब तक सड़क की हालत ठीक नहीं हो जाती तब तक रात के समय सफर न करें।
समुद्रतल से 16,500 फीट ऊंचा शिंकुला दर्रा गुरुवार को छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल किया जाएगा। गत वर्ष यह मार्ग रिकॉर्ड समय में 23 मार्च को बहाल हुआ था। इस बार फरवरी और मार्च में भारी हिमपात के चलते दर्रा देरी से बहाल हो रहा है। वहीं वर्ष 2022 को यह मार्ग 17 अप्रैल को खुला था। चार अप्रैल को यह मार्ग अधिकारिक तौर पर बहाल होने से लोग बर्फ से लकदक शिंकुला दर्रा होकर मनाली से जांस्कर होकर कारगिल तक आवाजाही कर सकेंगे। इस बार इस मार्ग पर भारी हिमपात हुआ है। सीमा सड़क संगठन के 126 आरसीसी ने चार मार्च को बर्फ हटाने का काम शुरू किया था। मगर इस मार्ग को बहाल करने आसान नहीं है। बीते वर्ष पांच फरवरी को शिंकुला के साथ लगते छीका के पास हिमखंड आने से संगठन के तीन मजदूर दब गए थे।
बीआरओ के अनुसार शिंकुला दर्रा होकर गुजरने वाला मनाली-दारचा-जांस्कर मार्ग बेहद संवेदनशील है। कई हिस्सों में 20 से 25 फुट ऊंची बर्फ की दीवारों को काटकर आगे बढ़ना पड़ा है। बुधवार सुबह भी यहां रुक-रुक कर हिमपात होता रहा। बावजूद संगठन के जवान शिंकुला दर्रा की बहाली के कार्यों में जुटे रहे। अब इस मार्ग के खुल जाने से लोग मनाली-केलांग-दारचा-शिंकुला पास पार कर पदुम होते हुए ले-लद्दाख के बीच आवाजाही कर सकेंगे।
वहीं 126 आरसीसी के ओसी लेफ्टिनेंट कर्नल अरविंद कुमार ने बताया कि उनके जवानों ने शिंकुला दर्रा बहाल करने में खूब मेहनत की है। जवानों को शिफ्ट में माइनस तापमान के बीच दिन रात काम करना पड़ा है। ओसी ने बताया कि बर्फ हटाने का काम बुधवार को पूरा कर लिया है और गुरुवार को मौसम ने साथ दिया तो शिंकुला दर्रा सड़क बहाल होगी।

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