गांधीनगर/नई दिल्ली : आचार्य देवव्रत ने ‘मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड 2023′ का बुधवार को उद्घाटन किया।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) में मिलेनिययर फार्मर्स ऑफ इंडिया अवॉर्ड्स का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन देवव्रत ने किया। उन्होंने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने पर प्रसन्नता व्यक्त की और देश के कोने-कोने से आए किसानों एवं कृषि विशेषज्ञों से प्राकृतिक खेती के विषय पर विस्तार से बात की और किसानों को रासायनिक और जैविक खेती के दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए सभी से प्राकृतिक खेती की ओर लौट आने को कहा।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में जैविक खेती से प्राकृतिक खेती की ओर जाने की स्वयं की यात्रा के बारे में किसानों से साझा किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से किसानों, पर्यावरण और खेती को होने वाले नुकसान पर बात करते हुए कहा कि 60 प्रतिशत ग्लोबल वॉर्मिंग सीओ2 से होती है जिसमें रासायनिक और जैविक, दोनों खेती का भी योगदान है। जैविक खेती में इस्तेमाल होने वाले गोबर से मिथेन गैस और रासायनिक खेती में उपयोग होने वाले यूरिया/डीएपी हवा में सीओ2 की मात्रा को बहुत ज़्यादा बढ़ाते हैं।
उन्होंने रासायनिक और जैविक खेती के परिणामों पर कहा कि मिट्टी पर लगातार रसायनों के उपयोग से वह अंदर से इतनी खोखली हो गई है कि हरित क्रांति के वक्त जो कार्बन दो प्रतिशत था वह आज 0.5 प्रतिशत से भी कम हो गया है। हमने यूरिया डाल-डालकर धरती के जीवों को भी समाप्त कर दिया है। ऐसी धरती पर पैदा होने वाला अनाज भी ज़हरीला ही होता है जिसके फलस्वरूप कैंसर, मधुमेह, हाई बीपी जैसी ना जाने कितनी बीमारियां दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। जिन बीमारियों का आज से 40-50 साल पहले कोई नामोनिशां नहीं था लेकिन आज हर घर में ये बीमारियां मिल जाती हैं।
देवव्रत ने सभी किसानों से अपील की कि वे ज़हरीली खेती करना बंद करें और फिर से प्राकृतिक खेती की ओर लौटें क्योंकि यही उन्हें, उनके परिवार और देश को जलवायु परिवर्तन से बचाने का एकमात्र विकल्प है। उन्होंने किसानों को विस्तार से प्राकृतिक खेती को करने के तरीकों और उपायों के बारे में बताया। उन्होंने हरियाणा के कुरूक्षेत्र में स्थित गुरूकुल, जहां बतौर प्रधानाचार्य उन्होंने प्राकृतिक खेती की शुरुआत की थी, उस पर एक शॉर्ट फिल्म दिखाते हुए वहां की ऊपजाऊ ज़मीन के बारे में बताया।
इस कार्यक्रम में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और केरल के राज्यपाल पी.सदाशिवम, नीति आयोग में कृषि नीति की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. नीलम पटेल सहित कई अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। ‘मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया’ अवॉर्ड कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर किसानों को सम्मानित करने के लिए कृषि जागरण की एक पहल है। ये पहल देशभर के किसानों में से कुछ अग्रणी किसानों को चुनकर राष्ट्रीय के अलावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दिलाने का काम करेगी।
इस अवॉर्ड शो में कई कंपनियों द्वारा कृषि संबंधित उत्पादों की प्रदर्शनी भी की जाएगी। गौरतलब है कि ‘महिंद्र मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड 2023’ का आयोजन छह से आठ दिसंबर तक नयी दिल्ली में आईएआरआई मेला ग्राउंड, पूसा में किया जा रहा है।