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ऑफिस कर्मचारियों के लिए डिजिटल टेक्निक का प्रशिक्षण जरुरी

DIGITAL SKILL REQUIRED IN INDIAPeopleImages / E+ / Getty Images

देश में कोरोना महामारी के कारण नौकरी में हुए परिवर्तनों के अनुरूप ढलने के लिए अधिकांश कर्मचारियों को ज्यादा डिजिटल कौशल, क्षमता तथा ज्ञान की जरूरत महसूस हो रही है ताकि वे कार्यस्थल पर डिजिटल टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल कर सकें।
एमेजन डॉटकॉम की सहायक कंपनी एमेजन वेब सर्विसेज़ इंक (एडब्लूएस) की एक नयी रिपोर्ट में कहा गया है कि 95 फीसद भारतीय कर्मचारियों को कार्यस्थलों पर डिजिटल टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित किये जाने की जरूरत है। इसके कहा गया है कि भारत में डिजिटल कौशल की जरूरत वाले कर्मचारियों की संख्या अगले एक साल में 2/73 कराेड़ बढ़ जाएगी, जो भारत में कार्यबल के 7 प्रतिशत के बराबर होगा। इसके बावजूद, भारत में केवल 45 प्रतिशत रोजगारदाताओं ने ही प्रशिक्षण योजना का क्रियान्वयन किया है, जिससे उत्पादकता, इनोवेशन और एम्प्लॉई रिटेंशन जैसे क्षेत्रों में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता पर असर पड़ेगा।
“बिल्डिंग डिजिटल स्किल्स फॉर द चेंजिंग वर्कफोर्स” रिपोर्ट, स्ट्रेट्जी एंड इकॉनॉमिक्स कंसल्टिंग फर्म, एल्फाबीटा द्वारा तैयार की गई है और एडब्लूएस द्वारा जारी की गई है। इसमें भारत में टेक्नॉलॉजी और नॉन-टेक्नॉलॉजी के पदों पर काम करने वाले 1,012 कर्मचारियों और 303 रोजगारदाताओं का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें विभिन्न आकार व उद्योगों के पब्लिक, प्राईवेट, और नॉनप्रॉफिट सेक्टर्स का प्रतिनिधित्व रहा। रिपोर्ट में यह पाया गया कि क्लाउड-बेस्ड टूल्स, जैसे क्लाउड डेवलपर टूल्स और ऑनलाईन सहयोग, अकाउंटिंग, एवं कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (सीआरएम) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने की क्षमता 2025 तक रोजगारदाताओं द्वारा सबसे ज्यादा मांग में होगी, जिसके बाद टेक्निकल सपोर्ट स्किल्स और साईबरसिक्योरिटी स्किल्स का स्थान आएगा। इसमें ज्यादा आधुनिक क्लाउड कंप्यूटिंग स्किल्स की जरूरत भी सामने आई, जिसमें मशीन लर्निंग और क्लाउड आर्किटेक्चर डिज़ाईन शामिल हैं, जो 2025 तक भारत में रोजगारदाताओं द्वारा पाँचवें और छठवें सबसे ज्यादा मांग वाले डिजिटल कौशल हैं। ये कौशल हैल्थकेयर से लेकर कृषि, फिनटेक से लेकर मीडिया और एंटरटेनमेंट तक अनेक व्यवसायों में काफी ज्यादा मांग में रहेंगे।
भारत के 63 प्रतिशत कर्मचारियों को महसूस होता है कि 2025 तक उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए क्लाउड से संबंधित स्किल्स में प्रशिक्षण की जरूरत होगी। इन कर्मचारियों में वे शामिल हैं, जिन्हें महसूस होता है कि उन्हें क्लाउड संबंधित कौशल में प्रशिक्षण की जरूरत है, 45 प्रतिशत को लगता है कि उन्हें यह सीखने की जरूरत है कि उनके काम में क्लाउड आधारित टूल्स का उपयोग कैसे किया जाए और 24 प्रतिशत कर्मचारियों को महसूस होता है कि उन्हें ऑन-प्रेमाईज़ सुविधाओं को क्लाउड में ले जाने के लिए प्रशिक्षण की जरूरत होगी, तथा 32 प्रतिशत यह मानते हैं कि उन्हें क्लाउड आर्किटेक्चर डिज़ाईन कौशल की जरूरत होगी। जो रोजगारदाता कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा सहयोग करते हैं, उन्हें इसके बड़े फायदे मिलते हैं। इनमें से 92 प्रतिशत ने कर्मचारियों की बेहतर उत्पादकता दर्ज की, 92 प्रतिशत ने बताया कि वो अपने डिजिटाईज़ेशन के लक्ष्यों को तेजी से ट्रैक कर पाए और 92 प्रतिशत की लागत में कमी आई। 90 प्रतिशत का एम्प्लॉई रिटेंशन बढ़ा और 91 प्रतिशत के राजस्व में वृद्धि हुई।

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