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गोयल को बर्खास्त करने की मांग को लेकर डॉक्टरों ने निकाला मार्च

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कोलकाता में गत नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में 31 वर्षीय महिला सहकर्मी के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुये हड़ताली सरकारी डॉक्टरों ने कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल से इस्तीफा मांगा और लालबाजार (पुलिस मुख्यालय) तक सोमवार को मार्च निकाला जिसके कारण मध्य कोलकाता के प्रमुख हिस्सों में यातायात ठप हो गया।
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल सोमवार को 25वें दिन में प्रवेश कर गई। उन्होंने उत्तर और मध्य कोलकाता के प्रमुख हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस मुख्यालय से लगभग 650 मीटर दूर व्यस्त फ़ियर्स लेन पर बैठ गए।
डॉक्टरों ने लालबाजार में 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने और बेंटिक्ट स्ट्रीट और बीबी गांगुली स्ट्रीट के क्रॉसिंग पर एक ज्ञापन सौंपने के लिए गोयल को व्यक्तिगत रूप से बुलाने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई।
पुलिस उपायुक्त ‘मध्य’ इंदिरा मुखर्जी ने कहा, “निषेधाज्ञा के कारण पुलिस उन्हें फ़ियर्स लेन से आगे जाने की अनुमति नहीं दे सकती।”
चिकित्सक मांगों के ज्ञापन के साथ पुलिस प्रमुख को सौंपने के लिए लाल गुलाब और एक प्रतीकात्मक रीढ़ लेकर आए थे।
प्रदर्शनकारियों में से एक डॉ अनिकेत ने कहा कि प्रतीकात्मक रीढ़ का मतलब है कि पुलिस को बिना किसी पूर्वाग्रह के एक तटस्थ बल के रूप में खड़ा होना चाहिए और कानून का शासन बनाए रखना चाहिए।
लालबाजार सोमवार को एक किले में तब्दील हो गया क्योंकि पुलिस ने कोलकाता पुलिस मुख्यालय की ओर जाने वाली सड़कों पर चौकियां लगा दी थीं।
सूत्रों ने बताया कि 27 अगस्त को एक विशाल छात्र विरोध मार्च के दौरान हावड़ा में पश्चिम बंगाल सरकार के सचिवालय नबन्ना के आसपास इसी तरह की सुरक्षात्मक दीवारें खड़ी की गईं थीं।
नयी दिल्ली से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के शनिवार के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें पश्चिम बंगाल छात्र समाज के संयोजकों में से एक को अंतरिम जमानत दी गई थी, जिसने 27 अगस्त को ‘नबन्ना अविजन’ को प्रायोजित किया था।
पश्चिम बंगाल सरकार ने छात्र नेता को अंतरिम जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
उत्तर बंगाल के कूच बिहार से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस और पूर्व केंद्रीय मंत्री निशित प्रमाणिक के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी समर्थकों के बीच झड़पें हुईं, जिन्होंने चिकित्सक हत्या में न्याय की मांग करते हुए जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय की घेराबंदी करने का प्रस्ताव रखा था।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे भाजपा समर्थकों पर पानी की बौछार की और लाठीचार्ज किया।
जिलाधीश कार्यालय जाने से रोके जाने के बाद भाजपा ने शहर के अलीपुर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन भी शुरू कर दिया। भाजपा की रैली का नेतृत्व पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी और अन्य वरिष्ठ महिला नेताओं ने किया।

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