शिमला : हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किये गये। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 2.9 मापी गयी। तीव्रता कम होने के चलते कुछ इलाकों में भूकंप के झटके महसूस नहीं हुए। भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से करीब 13 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। भूकंप करीब 2ः14 बजे आया। इस घटना में किसी प्रकार की जान-माल की हानि के नुक्सान की खबर नहीं है।
गौरतलब है कि हिमाचल भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है। कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं। कांगड़ा में 4 अप्रैल, 1905 की अल सुबह आए 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप में 20 हजार से ज्यादा इंसानी जानें चली गई थीं। भूकंप से एक लाख के करीब इमारतें तहस-नहस हो गई थीं, जबकि 53 हजार से ज्यादा मवेशी भी भूकंप की भेंट चढ़ गए थे।
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
बिलासपुर में भूकंप के झटके
