कुशीनगर : उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में स्थानीय अदालत ने बुधवार को जमीन के विवाद में एक ही परिवार के आठ हत्या आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार हिमांशु ने इस मामले में दोषियाें को आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। सजा सुनाने के बाद सभी आठ दोषियों को जेल भेज दिया गया। अदालत ने दो आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है।
अभियोजन पक्ष की ओर सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी उपेन्द्र कुमार पाठक ने न्यायालय को बताया कि वादी रामकिशुन पुत्र विश्वनाथ निवासी परसौनी खुर्द थाना कसया का पट्टीदार रामनाथ आदि से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इस संबंध में गांव में कई बार पंचायत भी हुई थी। साल 2013 में 01 जून को शाम साढ़े छह बजे रामकिशुन अपने पिता और बड़े भाई हरिहर के साथ बाजार से सब्जी लेकर आ रहे थे। जैसे ही वे रामनाथ के घर के सामने पहुंचे तो वहां पहले से ही मौजूद रामनाथ और शिवनाथ ने अपने पुत्रों आदि परिजनों के साथ उन्हें घेर लिया और उन पर लाठियों से हमला कर दिया। इसमें रामकिशुन की मौत हो गयी।
घटना की सूचना पर कसया थाने में बलवा, हत्या व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जिस पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में विचारण हुआ। उभयपक्ष के अधिवक्ताओं की बहस सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश हिमांशु ने हत्या के मामले में एक ही परिवार के सदस्य अभियुक्तों रामनाथ, शिवनाथ, सावित्री, पवित्री, बलिराम, श्रीराम, दिनेश व अवधेश को हत्या का दोषी करार दिया। अदालत ने इन सभी को उम्र कैद व 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो माह का कारावास अलग से भुगतना होगा। अदालत ने दो अभियुक्तों रामचन्द्र व सत्यनारायण को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।