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उत्तर भारत में मंगलवार को बिजली की मांग 89.62 गीगावाट पर पहुंची

जालंधर : उत्तरी भारत में भीषण गर्मी के कारण मंगलवार को बिजली की मांग 89.62 गीगावाट तक पहुंच गयी है और मांग में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
सोमवार को उत्तरी क्षेत्र में बिजली की मांग अभूतपूर्व 89.41 गीगावाट पर पहुंचने के बाद कई बार ट्रिपिंग हुई, जिसका कारण कुरुक्षेत्र-चांपा 800 केवी एचवीडीसी लाइन के बाइपोलों की ट्रिपिंग थी, जो पश्चिमी क्षेत्र से उत्तरी क्षेत्र में 4500 मेगावाट बिजली ले जा रही थी।
उत्तरी क्षेत्रीय लोड डिस्पैच सेंटर (एनआरएलडीसी) के अनुसार, उत्तरी क्षेत्र में 89.62 गीगावाट की अब तक की सबसे अधिक मांग 18 जून 2024 को सफलतापूर्वक पूरी की गयी। पिछले एक महीने में, उत्तरी क्षेत्र में मौजूदा गर्मी की स्थिति के कारण रिकॉर्ड मांग देखी जा रही है। पंजाब में इस सीजन की अधिकतम 15930 मेगावाट की मांग को पूरा किया, दिल्ली ने भी सीजन की अधिकतम 8667 मेगावाट की मांग को पूरा किया, जबकि अन्य राज्यों में दिन की अधिकतम मांग राजस्थान में 17689 मेगावाट, हरियाणा में 13373 मेगावाट और उत्तर प्रदेश में 28752 मेगावाट रही।
प्रवक्ता वी के गुप्ता ने बुधवार को बताया कि राज्यों की अधिकतम मांग को पूरा करने के लिये, एनआरएलडीसी पड़ोसी क्षेत्रों से 25 से 30 प्रतिशत बिजली की जरूरतें आयात कर रहा है। सभी बिजली उपयोगिताओं को उच्च अलर्ट की स्थिति बनाए रखने और उपकरणों के जबरन बंद होने को कम करने की सलाह दी गयी है। हाइड्रो पावर प्लांटों को दिन के बजाय शाम के व्यस्त समय में अधिकतम लोड चलाने की सलाह दी गयी है। सभी उत्पादन कंपनियों को विभिन्न उत्पादन स्रोतों के इष्टतम संचालन के लिये पूरी क्षमता की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये अपने संयंत्रों को स्वस्थ स्थिति में रखने की सलाह दी गयी है।

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