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फेसबुक ने बंद किया फेस रिकॉग्निशन फीचर

FACEBOOK REBUILD IT IMAGE STOP FACE RECOGNITION

फेसबुक अपने फेस रिकॉग्निशन सिस्टम को बंद करने जा रहा है जिसके तहत कंपनी ने 1 बिलियन से ज्यादा यूजर्स के फेस प्रिंट्स डेटाबेस को डिलीट कर दिया है। विभिन्न देशों में फेसबुक को रेगुलेट करने वाली सरकारें, पुलिस और अन्य निजी कम्पनियों के प्राइवेसी नियम पूर्ण रूप से स्पष्ट नही होने की वजह से फेसबुक ने यह कदम उठाया है। फेसबुक इस फीचर को लगभग 10 सालों से इस्तेमाल कर रहा है जिसके तहत जब भी फेसबुक यूजर्स कोई फोटोग्राफ और विडियो के साथ अपने मित्रों को टैग करते है तो फेसबुक का AI सॉफ्टवेर चेहरे को डिटेक्ट करके व्यक्ति का नाम दिखता है। लेकिन अब फेसबुक प्राइवेसी से जुड़ी सुरक्षा और सकारात्मक रूप से फेसबुक के इस्तेमाल के लिए इस फीचर को हटा रहा है।   

फेसबुक यूजर्स की प्राइवेसी को सेफ रखना है चुनौती

फेसबुक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट के वाईस प्रेसिडेंट जरोम पेसेंटी ने एक ब्लॉग में यह जानकारी दी कि रेगुलेटर्स अभी इस टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने के लिए स्पष्ट नियम क़ानून पेश करने की प्रक्रिया में है। यूजर्स के डेटा के सही इस्तेमाल के सम्बन्ध में काफी अनिश्चितता है। हालांकि फेसबुक के प्राइवेसी सुरक्षा दावों पर लगातार सवाल उठते रहे है और व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हौगेन नाम की महिला द्वारा फेसबुक पर कई गंभीर आरोप भी लगे है इन आरोपों में कहा गया है कि पैसा कमाने के लिए फेसबुक यूजर्स की प्राइवेसी की अनदेखी करती है और उनका जरूरी डेटा अन्य एजेंसियों तक पहुंचती है।

फेसबुक कर रहा है रिब्रांडिंग

इन सब विवादों के कारण फेसबुक की छवि को नुक्सान होने के साथ जुर्माना भी भरना पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद फेसबुक के संस्थापक मार्क जकर्बर्ग के द्वारा कंपनी की फिर से रिब्रान्डिंग की जा रही है जिसके तहत फेसबुक ने अपनी पैरेंट कंपनी का नाम ‘मेटा’ कर दिया है। इस नाम के साथ कम्पनी ने हाल ही में यह घोषणा भी कि है कि आने वाले समय में मेटा भविष्य की टेक्नोलॉजी ‘मेटावर्स’ को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है जिसके बाद ‘मेटावर्स’ के अंतर्गत वर्चुअल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से आपास में एक दुसरे से कम्यूनिकेट कर पाएंगे।

फेसबुक का फेस रिकॉग्निशन सिस्टम को बंद करने का फैसला कम्पनी के के प्रति यूजर्स को यह विशवास दिलाना हो सकता है कि फेसबुक अपने यूजर्स के निजी हितों की रक्षा के लिए लागातार काम करती है। हालांकि यूजर्स के पास यह सुविधा होगी कि वेह फेसबुक का इस्तेमाल करते समय अपने लिए फेस रिकॉग्निशन के विकल्प को एक्टिव रख सकता है। यह फिचर आजकल आमतौर पर एप्पल और कई अन्य डिवाइस के द्वारा स्क्रीन को लॉक और अनलॉक करने के लिए भी किया जाता है। पिछले कुछ सालों में यह काफी पोपुलर भी हुआ है। लेकिन अब फेसबुक नकारात्मकता से निकलकर पॉजिटिव तरीके से अपने यूजर्स को आकर्षित कर रहा है।  

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