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दिल्ली में शुरू होगा पांच दिवसीय द्वितीय गौ-संसद’

नई दिल्ली : देश में गौ संरक्षण के विषय में धर्माचारियों के आह्वान पर राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार से पांच दिवसीय सभा ‘गौ-संसद’ आयोजित करने की घोषणा की गयी है। आयोजकों की ओर से गुरुवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार यह आयोजन जगद्गुरू ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने तथा गौहत्या मुक्त भारत बनाने के लिए पूरे देश में चलाए जा रहे महाभियान के अंतर्गत यह द्वितीय गौ संसद आयोजित की जा रही है।”
विज्ञप्ति के अनुसार इस पांच दिवसीय सम्मेलन छतरपुर के तेरापंथ भवन में होगा। इस दौरान अलग-अलग दिन विभिन्न् सत्रों में शंकराचार्य का अभिभाषण, गौ प्रतिष्ठा विधेयक के मसौदे का प्रस्तुतिकरण, विधेयक के मसौदे को सांसदों के लिए जारी किया जाना, गौ मंत्रालय के गठन की मांग, विशेषज्ञों के सुझाव, विशिष्ट विद्वानों के संबोधन होंगे, सम्मेलन के अंत गौ कानून विधेयक पारित कराया जायेगा और अंतिम दिन इसे शंकराचार्य द्वारा जारी कर इस पर धर्मादेश दिया जायेगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सनातन धर्म में गाय को पशु नहीं अपितु माता की प्रतिष्ठा दी गई है जिसकी महिमा वेद, उपनिषद, पुराणों सहित समस्त शास्त्रों में गायी गई है और यही सनातन धर्मी हिंदुओं की पवित्र भावना है, आस्था है। इसी धार्मिक आस्था हेतु संविधान एवं कानून में गाय को पशु सूची के अपमान से हटाकर माता की प्रतिष्ठा दिलाने के लिए यह अभियान निरन्तर जारी है जिसके लिए राज्य सूची से हटाकर इसे केंद्रीय विधि की सूची में डालने की मांग हो रही है।
उल्लेखनीय है कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने हाल में गौ वध के खिलाफ नंगे पैर गोवर्धन से दिल्ली तक पदयात्रा निकाली थी।

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