अलवर : राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जयपुर और अलवर में विभिन्न जगहों पर एक साथ कार्यवाही करते हुये एक विकास अधिकारी (बीडीओ) सहित चार लोगों को पांच लाख रुपए की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है।
ब्यूरो के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया किएसीबी. कि विशेष अनुसंधान इकाई जयपुर को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि उसकी फर्म द्वारा पं.स. राजगढ़ क्षेत्र में टयूबवेल खुदाई के किये गये कार्यों के बकाया 14 लाख के बिलों के भुगतान करवाने में कमीशन के रूप में मध्यस्थ लोकेश मीणा एवं जयप्रताप सिंह द्वारा पंचायत समिति राजगढ़ में ब्लाक विकास अधिकारी नेतराम के नाम पर परिवादी से नौ लाख रुपये रिश्वत राशि मांग कर परेशान किया जा रहा है।
जिस पर एसीबी जयपुर के उपमहानिरीक्षक पुलिस सवाई सिंह गोदारा के सुपरवीजन में एसीबी विशेष अनुसंधान इकाई, जयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया जाकर आज उप अधीक्षक पुलिस परमेश्वर लाल एवं एसीबी की विभिन्न टीम द्वारा जयपुर-अलवर में एक साथ ट्रेप कार्यवाही करते हुये आरोपी मध्यस्थ लोकेश मीणा के कहने पर जयपुर में मध्यस्थ के बडे भाई कृष्णकान्त मीणा को परिवादी से पांच लाख रुपये की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
प्रकरण में एसीबी की तीन अलग-अलग टीमों द्वारा आरोपी नेतराम ब्लाक विकास अधिकारी, पं.स. राजगढ जिला अलवर, मध्यस्थ लोकेश मीणा एवं जयप्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि शिकायत के सत्यापन के दौरान आरोपी जयप्रताप सिंह द्वारा परिवादी से रिश्वत के रूप में 20 हजार रुपये वसूल कर लिये गये थे।
एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस दिनेश एम.एन. के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा। गिरफ्तार लोगों में लोकेश और कृष्ण थानागाजी विधायक कांति मीना के पुत्र हैं जबकि जय प्रताप राजगढ़ प्रधान का पुत्र है।