ग्रेटर नोएडा के परी चौक से हेलमेट बैंक की नई शुरुआत बहुत ही शानदार रही है. लोग बड़ी संख्यां में इस सुविधा का फायदा उठा रहे है साथ ही यह यातायात नियमों के लिए लोगों को जागरूक करने वाली एक बेहतरीन मुहीम भी है. कोई भी व्यक्ति सिर्फ एक आधार कार्ड या पहचान पत्र दिखा कर 7 दिनों के लिए निशुल्क हेलमेट अपने साथ ले जा सकता है.
इस मुहीम को सफल बनाने वाले मुख्य शख्स हेलमेट मैन राघवेन्द्र कुमार है उन्होंने गौतमबुद्ध नगर पुलिस की मदद से उनके साथ मिलकर लोगों को जागरूक करने का यह बीड़ा उठाया है. अगर कोई व्यक्ति हेलमेट लेकर दुसरे राज्य में भी जाना चाहता है तो वह व्यक्ति भी हेलमेट अपने साथ ले जा सकता है उसे कोई मनाही नही होगी.
हेलमेट बैंक बना जरुरत की सुविधा
हेलमेट की सुविधा स्कूटर बाइक चलाने वाले के लिए तो है ही साथ ही यह सुविधा 4 साल का बच्चे के लिए भी है. छोटे बच्चे भी जरुरत के समय अपने लिए हेलमेट को ले जा सकते है. कई बार छोटे बच्चे स्कूटर और बाइक पर अपने परिजनों के साथ बिना हेलमेट के ही सफ़र करते है जिस वजह यातायात के समय उनकी जान भी खतरे में रहती है इस तरह यह मुहीम बच्चों के अन्दर भी उन्हें सुरक्षा की अहमियत के लिए जागरूक कर रही है.
हेलमेट मैन कैसे बने राघवेन्द्र कुमार
राघवेन्द्र कुमार के हेलमेट मैन बन्ने के पीछे बहुत ही बहुत ही दुखद घटना है पर उस घटना ने उन्हें हेलमेट मैन बन्ने की प्रेरणा दी. दरअसल कुछ साल पहले बाइक पर सफ़र करते हुए हेलमेट न पहने की वजह से उनके करीबी दोस्त की मौत हो गई थी. इस घटना से दोस्त के परिजनों की हालत देखकर राघवेन्द्र को काफी धक्का लगा जिसके बाद उन्होंने लोगों के हेलमेट ना रखने की आदत का हल ढूँढना शुरू किया और उन्हें हेलमेट बैंक बनाने के बारे में आया. इसके बाद उन्होंने लोगों की सुरक्षा के लिए फ्री में ही लोगों को हेलमेट देने की अपनी योजना पर काम करना शुरू कर दिया और प्रशासन की मदद से एक हेलमेट बैंक की शुरुआत कर दी. उनके इस कदम की यातायात पुलिस विभाग और बुद्धिजीवियों ने काफी प्रशंसा भी की है. पहला हेलमेट बैंक पारी चौक आर खुला है अब आने वाले दिनों में दूसरा हेलमेट बैंक नोएडा में भी खुलेगा.