झांसी : देशभर में गाय और भैंसों में लंपी वायरस के संक्रमण से फैल रही बीमारी को लेकर उत्तर प्रदेश का झांसी जिला प्रशासन अतिरिक्त सावधानी बरत रहा है। इसी क्रम में अकसर गौशालाओं का औचक निरीक्षण करने वाले झांसी जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने स्पष्ट तौर पर रविवार को कहा कि गौशालाओं में संरक्षित गौवंश की साफ सफाई का विशेष ख्याल रखा जाऐ और यदि कोई गौवंश बीमार है तो उसका इलाज प्राथमिकता से कराया जाए।
ऐसे ही एक औचक निरीक्षण के दौरान मोंठ तहसील के बरल गांव में स्थित गौशाला का निरीक्षण करने पहुंचे और वहां तमाम तरह की व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति का निरीक्षण किया इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रत्येक गौशाला वार नामित नोडल अधिकारी का दायित्व है कि वह गौशाला का स्वयं संवेदनशील होकर सत्यापन किया जाए एवं उनके द्वारा बताई गई गौवंश की संख्या के आधार पर ही गौशाला को धनराशि हस्तांतरित की जाए। अतः नोडल अधिकारी भली प्रकार से यथासंभव प्रत्येक माह गौशाला का भ्रमण करें ताकि उनके द्वारा बताई गई गौवंश की संख्या के आधार पर धनराशि गौशाला को आवंटित की जा सके।उन्होंने कहा कि गौशालाओं के खाते में अब सीधे धनराशि हस्तांतरित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि गौवंश का संरक्षण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथामिकताओं में है। अतएव गौशालाओं में निधार्रित क्षमता के अनुसार गौवंश का संरक्षण किया जाये, गौशालाओं में जो कमियां है उन्हें एक सप्ताह के अन्दर दूर कर उन्हें सही तरीके से संचालित कराया जाये , उनमें क्षमता के अनुसार गौवंश संरक्षित किये जायें। गौशालाओं की गहन निगरानी रखी जाये ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो सके।
जिलाधिकारी ने ग्राम बरल तहसील मोंठ स्थित गौशाला में कीचड़ पाये जाने पर ग्राम प्रधान एवं सचिव को फटकार लगाते हुए कहा कि जब उनके द्वारा पूर्व में निर्देश दिए जा चुके हैं कि बारिश के मौसम के दृष्टिगत गौशाला में बालू/मिट्टी डलवाई जाए, ताकि वहां कीचड़ एवं गन्दगी व्याप्त न हो। कीचड़ के कारण वहां मच्छर आदि उत्पन्न हो गये हैं। निर्देश दिए गए कि खण्ड विकास अधिकारी, चिरगांव द्वारा सम्बन्धित ग्राम प्रधान एवं सचिव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
जिलाधिकारी द्वारा गौवंश का स्वास्थ्य अपेक्षानुरूप न पाये जाने, दिखायी गयी संख्या से कम गौवंश की मौजूदगी जैसी अव्यवस्थाओं पर अप्रसन्नता व्यक्त करने हुए सम्बन्धित ग्राम प्रधान एवं सचिव के विरूद्ध उपरोक्त के सम्बन्ध में कार्रवाई करने एवं सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी एवं पशुचिकित्साधिकारी का स्पष्टीकरण लिए जाने के निर्देश दिये।
गौशाला में बालू डलवाये जाने को लेकर निर्देश दिये और इसमें जिला खनिज अधिकारी से समन्वय स्थापित कर नियमों का अनुपालन कराने को कहा। जिलाधिकारी ने गौशाला का भ्रमण करते हुए नर, मादा ,बछड़ा बीमार गौवंश को अलग अलग रखने और उपलब्ध गोबर के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किए जाने के निर्देश दिए।