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सरकार ने दबाव में वापस लिया लेटरल एंट्री का निर्णय

नई दिल्ली : राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार ने विपक्ष के दबाव में संघ लोक सेवा आयोग- यूपीएससी से लेटरल एंट्री का विज्ञापन वापस लिया है और अब संविधान की रक्षा के लिए उस पर इसी तरह से दबाव बनाया जाएगा।
श्री खडगे ने संविधान जयते कहते हुए कहा “हमारे दलित, आदिवासी,पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है। लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताक़त ही हरा सकती है।”
उन्होंने कहा “कांग्रेस और इंडिया समूह के दलों की मुहिम से सरकार एक क़दम पीछे हटी है, लेकिनजब तक भाजपा आरएसएस सत्ता में है, वो आरक्षण छीनने के नए-नए हथकंडे अपनाती रहेगी। हम सबको सावधान रहना होगा। बजट में मध्यम वर्ग पर किया गया लांग टर्म कैपिटल गेन इंडेक्सेशन वाला प्रहार हो, या वक़्फ़ बिल को जेपीसी के हवाले करना हो या फिर ब्रॉडकास्ट बिल को ठंडे बस्ते में डालना हो-जनता और विपक्ष की ताक़त देश को मोदी सरकार से बचा रही है।”
श्री गांधी ने कहा “संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे। भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे। मैं एक बार फिर कह रहा हूं – 50 फीसदी आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे। जय हिन्द।”
पार्टी महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने कहा “लेटरल एंट्री की घटना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा-आरएसएस शासन को कठोर सबक के रूप में लेना चाहिए कि वे संविधान के साथ कभी छेड़छाड़ नहीं करेंगे। सरकार के मंत्रियों को यह नाटक बंद करना चाहिए कि श्री मोदी सामाजिक न्याय के अग्रदूत हैं। लेटरल एंट्री की व्यवस्था 2018 में शुरु हुई थी। करीब छह वर्ष तक इसके खिलाफ उठती आवाज सिद्ध करती रही कि नौकरशाही में लेटरल एंट्री आरक्षण खत्म करने की साजिश है।”
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार ने यूपीएससी से लेटरल एंट्री भर्ती के विज्ञापन को आज वापस लेकर साबित कर दिया है कि आरक्षण खत्म करने की उसकी चाल को विपक्ष सफल नहीं होने देगा। सरकार अब मनमाने फैसले नहीं ले सकेगी और उसे जनता की आवाज बनकर विपक्ष की बात सुनकर फैसले लेने होंगे ताकि बार-बार जन विरोधी निर्णय वापस नहीं लेने पड़े।

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