प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लांच किया गया ‘गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (National Gati Shakti Master Plan for Infrastructure development) के क्षेत्र में देश के विकास में अपनी अहम् भूमिका निभाएगा। पीएम ने आज दिल्ली के प्रगति मैदान में इस योजना का शुभारम्भ किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इस मास्टर प्लान को भारत की इंडस्ट्री, भारत के व्यापार, भारत के मैन्युफैक्चर, भारत के किसानों एवं गाँवों और आने वाली पीढ़ियों के लिए लाभकारी बताया। इस मास्टर प्लान के अंतर्गत वाकास कार्यों में निर्मित हो रहे तमाम तरह की परियोजनाओं को गति मिलेगी और उनमे आ रही बाधाएं भी समाप्त होगी।
क्या है ‘गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’
‘गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ भारत सरकार के नेतृत्व में एक ऐसी योजना है जिसके माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में आ रही रुकावटों का समाधान निकाल कर उन परियाजनाओं को जल्द से जल्द एक आधुनिक सिस्टम के तहत पूरा करने का काम किया जाएगा। वर्तमान में कई सारी सरकारी रुकावटों के कारण बहुत से ऐसे प्रोजेक्ट है जो कि लम्बे समय तक लंबित रहते है, ऐसी परियोजनाएं देश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की रफ़्तार को कम करती है। इसी खामी को दूर करने के लिए ‘गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ को लांच किया गया है। पीएम ने इस मास्टर प्लान को सफल बनाने के लिए एक स्लोगन भी दिया जो है फील फॉर प्रोग्रेस, वर्क फॉर प्रोग्रेस, वेल्थ फॉर प्रोग्रेस, प्लान फॉर प्रोग्रेस, प्रेफरेंस फॉर प्रोग्रेस।
‘गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ इन खामियों को दुरुस्त करेगा
- पीएम मोदी ने बताया कि सरकारी परियाजनाओं पर जिस तरह काम होता है, उससे सरकारी शब्द लोगों के दिमाग में आते ही खराब क्वालिटी, काम में बरसों की देरी जैसे विचार उभरते है। इसलिए बेवजह देरी जनता के पैसों का अपमान है और जनता सरकार को पैसे टेक्स के रूप में इसलिए देती है ताकि उसका सही इस्तेमाल हो सके।
- कई बार परियोजनाओं में वर्क इन प्रोग्रेस के बोर्ड लगा दिए जाते है जो समय पर काम पूरा ना होने और काम में देरी के सूचक बन गए है इस तरह गति में अधीरता की कमी और सामूहिक प्रयासों के हास की वजह से देश की प्रगति में यह बाधा बनते है।
- पीएम ने कहा एक सामान्य व्यक्ति जब छोटा सा भी घर बनाता है तो उसके लिए भी बकायदा पूरी प्लानिंग करता है, कोई बड़ी यूनिवर्सिटी और कॉलेज बनाता है तो भी पूरी प्लानिंग के साथ बनाया जाता है समय-समय पर उसके विस्तार की गुंजाइश को भी पहले से ही सोच लिया जाता है लेकिन परियोजना से जुड़े आपसी विभागों के आपसी समन्वय में कमी के कारण योजनाबद्ध तरीके और तेजी से काम का नही होता।
- सरकारी व्यवस्थाओं में आज भी हम देखते हैं कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट अपनी अलग प्लानिंग कर रहा है तो रेलवे की अपनी अलग प्लानिंग होगी, टेलीकॉम डिपार्टमेंट अपनी अलग नीति से काम करेगा, गैस नेटवर्क अलग प्लानिंग करेगा इस तरह से कई स्तरों पर तमाम डिपार्टमेंट अलग-अलग विभाजित होते हैं।
- कई बार कई जगहों पर सड़कों का निर्माण होने के बाद पानी का डिपार्टमेंट पानी की पाइप लाइन के लिए उस नव निर्मित सड़क की फिर से खुदाई कर देता है,कई बार रोड रोड पर डिवाइडर तैयार होने के बाद ट्राफिक डिपार्टमेंट जाम के समस्यां के कारण उसे तुड़वा देगा। इस तरह समय और सरकारी पैसे की हानि होती है। इस तरह की समस्याओं के कारण जब सारे प्रोजेक्ट को सिंक्रोनाइज करने की जरूरत पड़ती है तो इसके लिए बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और बिगड़ी बात को ठीक करने में बहुत मेहनत लगती है।
- माइक्रो प्लानिंग और माइक्रो इंप्लीमेंटेशन मैं जमीन आसमान का अंतर होता है अलग-अलग विभागों को पता ही नहीं होता कौन सा विभाग कौन सा प्रोजेक्ट कहां शुरू करने की तैयारी कर रहा है राज्यों के पास भी इस तरह की जानकारी एडवांस में नहीं होती इस तरह के दोष के कारण निर्णय प्रक्रिया को प्रभावित होती है।
- कई प्राइवेट प्लेयर्स है उनको भी ठीक ठीक नहीं पता होता कि भविष्य में कहाँ से सड़क गुजरने वाली है और कहाँ से कैनाल बनने वाली है या कोई पावर स्टेशन लगने वाला है इस वजह से वह भी किसी क्षेत्र या सेक्टर को लेकर बेहतर प्लानिंग नही कर पाते।
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट की समस्याओं का हल निकलेगा
इन सारी दिक्कतों का हल निकालने के लिए गति शक्ति नेशनल प्लान बहुत लाभकारी साबित होगा और प्लान को आधार बनाकर चलने से हमारे संसाधनों का अनुकूल उपयोग होगा। इसके अलावा सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एक ऐसा रास्ता है जो अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है, स्किल्ड मैनपॉवर के बिना किसी क्षेत्र में आवश्यक परिणाम हासिल नही किये जा सकते इसलिए बेहतर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना हम चौतरफा विकास नहीं कर सकते और ‘गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ इस विकास में अपनी भूमिका निभाएगा।