नई दिल्ली: भारत ने गत 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2021-22 में 43.18 प्रतिशत के जोरदार उछाल के साथ कुल 417.81 अरब डालर की वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात किया है। यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में सोमवार को दी गयी।
वर्ष 2020-21 में निर्यात 291.81 अरब डालर था।
पिछले वित्त वर्ष के आखिरी माह मार्च 2022 में निर्यात 14.53 प्रतिशत वृद्धि के साथ 40.38 अरब डालर रहा, जो अबतक किसी माह का सर्वाधिक निर्यात है। पिछले साल इसी माह निर्यात 35.26 अरब डालर के बराबर था।
वर्ष 2021-22 (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत का वाणिज्यिक वस्तुओं का आयात 610.22 अरब डालर रहा। यह एक साल पहले के वार्षिक 394.44 अरब डालर के आयात की तुलना में 54.71 प्रतिशत अधिक है।
मार्च 2022 में आयात 59.07 अरब डालर का रहा जो मार्च 2021 के 48.90 अरब डालर की तुलना में 20.79 प्रतिशत ऊंचा है।
मार्च 2022 में व्यापार घाटा 36.97 प्रतिशत बढ़कर 18.69 अरब डालर रहा। पिछले वर्ष मार्च में व्यापार घाटा 13.64 अरब डालर था। गत वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च 2021-22) के दौरान व्यापार घाटा 192.41 अरब डालर के बराबर रहा जो 2020-21 के 102.63 अरब डालर की तुलना में 87.49 अरब डालर की वृद्धि दर्शाता है।
मार्च 2022 में गैर पेट्रोलियम निर्यात 33 अरब डालर के बराबर रहा जो मार्च 2021 के 31.65 अरब डालर के गैर पेट्रोलियम निर्यात की तुलना में 4.28 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह आलोच्य माह में गैर पेट्रोलियम आयात 40.66 अरब डालर का रहा जो एक साल पहले के 38.63 अरब डालर से 5.26 प्रतिशत अधिक है।
अप्रैल-मार्च 2021-22 में गैर पेट्रोलियम वस्तुओं का कुल निर्यात 352.76 अरब डालर रहा जो इससे पिछले वर्ष के 266 अरब डालर की तुलना 32.62 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
इसी तरह गैर पेट्रोलियम आयात 2021-22 में सालाना आधार पर 44.2 प्रतिशत बढ़कर 449.54 अरब डालर के बराबर रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में यह आयात 311.75 अरब डालर के बराबर था।
अप्रैल-मार्च, 2021-22 के दौरान इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में 45.5 प्रतिशत पेट्रोलियम उत्पाद में 152 प्रतिशत, रत्न एवं आभूषण में 49.7 प्रतिशत, कार्बनिक एवं अकार्बनिक रसायन 32 प्रतिशत, औषधि 0.13 प्रतिशत, हर तरह के सिले कपड़े 30 प्रतिशत, इलेक्ट्रोनिक के समान 40.5 प्रतिशत, सूती धागा कपड़ा परिधान और हैंडलूम उत्पाद 55 प्रतिशत, प्लास्टिक एवं लिनॉलियम 31 प्रतिशत और चावल के निर्यात में नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।
निर्यातकों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष डॉ के. शक्तिवेल ने एक बयान में कहा कि मार्च 2022 में 40 अरब डालर से अधिक का निर्यात भारत के निर्यात क्षेत्र की मजबूती को फिर दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में हर माह वाणिज्यिक निर्यात 30 अरब डालर से ऊपर रहा और हमने वर्ष के दौरान 418 अरब डालर के निर्यात का एक उल्लेखनीय आंकड़ा दर्ज किया है। इससे पिछले वर्ष की तुलना में वाणिज्य निर्यात में 130 अरब डालर की वृद्धि दर्ज की गयी है।
डॉ. शक्तिवेल ने इसके लिए निर्यातक समुदाय के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण और देश के निर्यातकों के प्रति उनका भरोसा सराहनीय है। श्री मोदी ने निर्यातकों में अपने आह्वान से एक उत्साह भरा और उसका परिणाम निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि के रूप में सामने है। उन्होंने चुनौतियों से भरे में निर्यातकों पर भरोसा रखने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का भी आभार व्यक्त किया।
भारतीय इंजिनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) के चेयरमैन महेश देसाई ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत से इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 111 अरब डालर के बराबर रहा और चालू वित्त वर्ष में भी इस क्षेत्र के निर्यात में तेजी बनी रहने की उम्मीद है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जिंस की कीमतों में उतार-चढ़ाव, आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं और विश्व की राजनीतिक व्यवस्था में संभावित बदलाव से निश्चित रूप से व्यापार और अर्थव्यवस्था पर असर पडेगा।
श्री देसाई पिछले कुछ सप्ताह में कुछ प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमानों को घटाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा, “परिणाम जरूर होगा लेकिन इसके गहरा होने की संभावना नहीं है।”
उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) और अन्य देशों के प्रस्तावित इस तरह के समझौतों से भारत के निर्यात में तेजी आएगी।