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मानवाधिकार संरक्षकों ने अपने अधिकारों के संरक्षण की मांग की

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के मानवाधिकार संरक्षकों (एचआरडी) ने आयोग से मांग की है कि उनके सामने कार्य के दौरान आने वाली चुनौतियों के मद्देनजर उनके अधिकारों के संरक्षण के लिये परामर्श जारी किया जाये।
मानवाधिकार आयोग ने आज यहां अपने मुख्यालय पर एचआरडी और गैर सरकारी संगठनों के अपने कोर ग्रुप की बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता कार्यवाहक अध्यक्ष विजया भारती सयानी ने की।
आयोग की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, “बैठक में मानवाधिकार संरक्षकों ने समाज के विभिन्न कमजोर वर्गों के कल्याण और सुरक्षा के लिए आयोग द्वारा जारी वभिन्न परामर्शियों की सराहना करते हुये कहा कि आयोग पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते समय विभिन्न स्तरों पर आने वाली कई चुनौतियों को देखते हुए अपने अधिकारों के संरक्षण के लिए परामर्शी जारी करने पर भी विचार कर सकता है।”
विज्ञप्ति के अनुसार सुश्री सयानी ने कहा कि आयोग मानवाधिकारों के संवर्धन एवं संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए के साथ जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार संरक्षक अक्सर अपनी सुरक्षा को जोखिम में डालकर जमीनी स्तर पर समाज के विभिन्न वर्गों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दों को उठाते हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महानिदेशक (अन्वेषण) अजय भटनागर ने एचआरडी के अधिकारों के संरक्षण में राज्य एजेंसियों और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डाला। आयोग में एचआरडी के लिये एक ऐसी एकीकृत व्यवस्था की गयी है जहां वे संपर्क कर सकते हैं।
इससे पहले, बैठक का विवरण देते हुए संयुक्त सचिव देवेन्द्र कुमार निम ने कहा कि चर्चा का उद्देश्य देश में एचआरडी की भूमिकाओं, जिम्मेदारियों और चुनौतियों की पहचान करना है।
आयोग ने हर क्षेत्र में जमीनी स्तर पर एचआरडी के काम को महत्वपूर्ण बताते हुये, उनके लिये एक प्रभावी कानूनी और नीतिगत व्यवस्था बनाए जाने का भी सुझाव दिया है। बैठक में कहा गया कि उन्होंने समाज में एचआरडी के कार्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।

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