पेरिस: भारत और फ्रांस ने अंतरिक्ष एवं साइबर क्षेत्रों में द्विपक्षीय सामरिक संवाद प्रणालियां स्थापित करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर भारत अभियान में फ्रांस की अधिकाधिक भूमिका के लिए रास्ते तलाशने पर सहमति व्यक्त की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की बुधवार देर शाम हुई मुलाकात के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में यह जानकारी दी गयी। दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में समकालीन वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई और दोनों पक्षों ने यूक्रेन में तुरंत युद्ध समाप्त करने की अपील करते हुए वहां मानवीय सहायता मुहैया कराने की आवश्यकता जतायी तथा अफगानिस्तान में एक सर्वसमावेशी सरकार के गठन का आह्वान किया।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की महान परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अंतरिक्ष में पैदा होने वाली समकालीन चुनौतियों का मुकाबला करने और अंतरिक्ष को सबके लिए सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए भारत एवं फ्रांस अंतरिक्ष संबंधी मामलों पर द्विपक्षीय सामरिक संवाद स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।
वक्तव्य के अनुसार इस द्विपक्षीय सामरिक संवाद के स्थापित होने से अंतरिक्ष एवं रक्षा एजेंसियों, प्रशासन एवं बाह्य अंतरिक्ष में सुरक्षा संबंधी एवं आर्थिक चुनौतियों पर विचार करने वाले विशेषज्ञों का एक मंच पर लाया जा सकेगा।अंतरिक्ष से जुड़े नियम एवं सिद्धांतों के लागू होने से सहयोग के नये क्षेत्रों का खुलासा होगा। दोनों पक्षों ने इसकी पहली बैठक इसी वर्ष आयोजित करने पर भी सहमति व्यक्त की है।
दोनों पक्षों ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी, विनिर्माण एवं निर्यात के लिए भारत एवं फ्रांस के बीच सघन संपर्क एवं भूमिका के उपाय करने पर भी सहमति जतायी। इसमें औद्योगिक संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही गयी है। वक्तव्य में स्कोर्पीन पनडुब्बी समेत वर्तमान में शस्त्र निर्माण के क्षेत्र में सहयोग की सराहना की गयी। वक्तव्य में दोनों देशों की सशस्त्र सेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यासों -शक्ति, वरुण, पेगासे, डेज़र्ट नाइट और गरुड़ की सराहना की गयी और कहा कि हिन्द महासागर में दोनों नौसेनाओं के बीच तालमेल प्रगाढ़ रहेगा।
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के बारे में दोनों पक्षों ने साइबर नियमों एवं सिद्धांतों को बढ़ावा देने वाले कार्यबलों को मजबूत करने पर जोर दिया ताकि साइबर खतरों का मुकाबला किया जा सके। उन्होंने द्विपक्षीय साइबर संवाद भी स्थापित करने पर सहमति जतायी ताकि साइबर स्पेस को खुला, शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित रखा जा सके।
दोनों देशों ने आतंकवाद निरोधक सहयोग को बढ़ाने, आतंकवादियों को धन मुहैया कराये जाने, कट्टरपन एवं हिंसक विचारधारा का मुकाबला करने, इंटरनेट को आतंकवादियों के हाथों दुरुपयोग नहीं होने देने, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन एवं लोगों पर कार्रवाई किये जाने तथा हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सामरिक साझीदारी को मजबूत करने की भी बात कही। दोनों देशों ने समकालीन अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों पर बात करते हुए यूक्रेन पर रूस का हमला तत्काल रोकने, यूक्रेन को मानवीय संकट में सहायता देने और अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के सर्वसमावेशी होने की भी वकालत की।