फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैंपियनशिप मोटरस्पोर्ट्स एक रोमांचकारी स्पोर्ट्स है लेकिन भारत में अभी भी इसमें रुचि रखने वाले लोग नजदीक से इसे अनुभव करने से वंचित है. भारत में मोटरस्पोर्ट्स के क्षेत्र में बदलाव लाया जा सकता है क्योंकि भारत के पास इंफ्रास्ट्रक्चर, टैलेंट और धन जैसी तीनों बुनियादी चीजे उपलब्ध है जो मोटरस्पोर्ट्स को सफल बनाने के लिए जरुरी है.
2022 में ही दुबारा शुरू होगी मोटरस्पोर्ट्स चैंपियनशिप
इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब भारत की तरफ से मोटर स्पोर्ट्स में सकारात्मक कदम की पहल की गयी है. आने वाले दिनों में भारत एक अंतरराष्ट्रीय मोटर-स्पोर्ट इवेंट, यानी फॉर्मूला-ई रेस की मेजबानी करने के लिए तैयार है। इस आयोजान को सफल बनाने के लिए तेलंगाना सरकार और फॉर्मूला-ई फेडरेशन के बीच एक समझौता हुआ है जिसके तहत मोटरस्पोर्ट्स चैंपियनशिप दिसंबर 2022 से मार्च 2023 के बीच हुसैन सागर झील के पास मौजूद हैदराबाद के 2.3 किमी सर्किट में शुरू होगी। चैंपियनशिप को भारतीय कम्पनी डिस्पैचेबल रिन्यूएबल ग्रीनको ग्रुप द्वारा स्पोंसर किया जाएगा. हैदराबाद में इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए फॉर्मूला-ई के सीईओ अल्बर्टो लोंगो, ट्रैक ओवरले डायरेक्टर एगस ज़ोमेनो और तेलंगाना के आईटी और उद्योग मंत्री के.टी. रामा राव मौजूद थे.
3 बार सफल आयोजन के बाद फॉर्मूला 1 इंडियन ग्रां प्री हुई थी रद्द
लम्बे अंतराल के बाद भारत एक बार फिर से मोटर स्पोर्ट्स आयिजित कराने जा रहा है इससे पहले भारत में 2011 से 2013 तक फॉर्मूला 1 इंडियन ग्रां प्री का आयोजन नोएडा के बौद्ध इंटरनेशनल सर्किट में तीन बार हो चूका है लेकिन बाद में इस पर आयोजन बंद हो गया. बौद्ध इंटरनेशनल सर्किट की अथॉरिटी के साथ फार्मूला-1 ने 5 साल के समझौते पर हस्ताक्षर किये थे जिसके अंतर्गत 5 साल तक मोटर स्पोर्ट्स का आयोजन होना था लेकिन आंतरराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल महासंघ (FIA) और उस समय की सरकार की बीच कर-विवाद के कारण यह आयोजन रुक गया. स्थानीय सरकार मोटरस्पोर्ट्स पर मनोरंजन कर वसूलना चाह रही थी और ऍफ़आईए इसे एक स्पोर्ट्स के रूप में देखती थी. यही विवाद का कारण बना और 2013 के बाद एफ-1 इंडियन ग्रां प्री को रद्द करना पड़ा. बौद्ध इंटरनेशनल सर्किट 5.125 किमी लंबा सर्किट है और इसे जर्मन रेसट्रैक डिजाइनर हरमन टिल्के द्वारा खूबसूरती से डिजाइन किया गया है।
भारत में प्रतिभाशाली ड्राइवर्स की कमी नही है साथ ही इस खेल के प्रति पर्याप्त रुचि लोगों में है, नारायण कार्तिकेयन और करुण चंडोक ने भारत की तरफ से इस खील में अपना परचम लहराया है. मोटर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भारत के अन्दर वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता है. भारत के आर्थिक विकास में सहयोग देने के लिए भी इस तरह की प्रतिस्पर्धा बहुत लाभकारी है.