गौरवशाली भारत

देश की उम्मीद ‎‎‎ ‎‎ ‎‎ ‎‎ ‎‎

भारत का उदय वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए शुभ संकेत

नई दिल्ली : जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि भारत का उदय वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए शुभ संकेत है। श्री धनखड़ ने 19वें भारतीय उद्योग परिसंघ इंडिया-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र में “ साझा भविष्य का निर्माण ” विषय पर बोलते हुए ग्लोबल साउथ के देशों को प्रगति के लिए प्रेरित करने में भारत के समावेशी, बहुपक्षीय दृष्टिकोण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने जोर देकर कहा, “एक जीवंत लोकतंत्र और मानवता के छठे हिस्से का घर होने के नाते भारत का विकास , वैश्विक स्थिरता और शांति का संकेत देता है।”
उपराष्ट्रपति ने सभी की भलाई के लिए साझा भविष्य बनाने की दिशा में एकजुट प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक भागीदारी इन प्रयासों की पहचान होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “एक साझा भविष्य बनाना मानवता की भलाई के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इस चुनौती को अब और विलंबित नहीं किया जा सकता।”
जलवायु परिवर्तन को ‘एक बम’ और ‘मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा’ बताते हुए उपराष्ट्रपति ने सभी देशों से इस चुनौती से निपटने के लिए सामूहिक रूप से ध्यान केंद्रित करने की अपील की। उन्होंने जनभागीदारी और प्राकृतिक संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए चेतावनी दी, “हमारे पास बसने के लिए पृथ्वी के अलावा कोई अन्य ग्रह नहीं है।”
भारत और अफ्रीका के बीच “साझे इतिहास, समान संघर्षों, और एक न्यायपूर्ण तथा प्रगतिशील भविष्य की आपसी आकांक्षाओं द्वारा निर्मित परस्पर गहरे संबंधों” की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, श्री धनखड़ ने दोनों की साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिसमें आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय, सुरक्षा और कूटनीतिक पहलू शामिल हैं। उन्होंने कहा, “ पुनर्जागृत अफ्रीका और उभरता हुआ भारत विशेष रूप से स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जलवायु अनुकूल कृषि, समुद्री सुरक्षा, कनेक्टिविटी, और समुद्री अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में दक्षिण-दक्षिण सहयोग को एक मजबूत प्रेरणा दे सकते हैं।”
उपराष्ट्रपति ने 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने को “गौरव का विषय और एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक घटनाक्रम ” बताते हुए इसकी सराहना की। उन्होंने अफ्रीकी देशों की अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, वैश्विक जैव गठबंधन और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन में भागीदारी की सराहना की।
भारत को चीतों के माध्यम से देश की जैव विविधता को फिर से बनाने में मदद देने के लिए अफ्रीका के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा,“ इस विकास ने देश को उत्साहित किया है और भारत तथा अफ्रीका के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव निर्मित किया है।” उन्होंने अफ्रीकी देशों को अंतर्राष्ट्रीय ‘बिग कैट अलायंस’ में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने ऐतिहासिक रूप से कभी विस्तारवाद पर विश्वास नहीं किया है। उन्होंने भारत के साझेदारी को और सशक्त बनाने के प्रति सहभागिता के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “भारत, विशाल डिजिटलकरण और तकनीकी प्रगति के साथ, सहयोग के लिए कई अवसर प्रदान करता है और आपसी लाभ तथा साझा सफलता के लिए अवसर प्रस्तुत करता है।”
इस आयोजन में बुरुंडी के उपराष्ट्रपति प्रो़ बाजोम्बांजा, गाम्बिया के उपराष्ट्रपति मुहम्मद बी.एस. जलो, लाइबेरिया के उपराष्ट्रपति जेरमिया क्पान कोंग, मॉरीशस के उपराष्ट्रपति मैरी सीरिल एडी बॉइसेज़ोन, जिम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति डॉ. सी.जी.डी.एन. चिवेंगा और उद्योग जगत के प्रमुख लोगों ने हिस्सा लिया।

Leave a Reply