मुंबई : रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत दरों को लगातार छठी बार यथावत रखने के फैसले से निराश निवेशकों की चौतरफा बिकवाली से बीते सप्ताह गिरावट में रहे घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह जनवरी की थोक और खुदरा महंगाई के आंकड़े, कच्चे तेल की कीमत, डॉलर सूचकांक और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख से तय होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 490.14 अंक अर्थात 0.7 प्रतिशत लुढ़ककर सप्ताहांत पर 71595.49 अंक रह गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 71.3 अंक यानी 0.33 प्रतिशत की गिरावट लेकर 21782.50 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह मझौली कंपनियों में लिवाली हुई जबकि छोटी कंपनियों में बिकवाली का दबाव रहा। इससे बीएसई का मिडकैप 641.46 अंक अर्थात 1.7 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 39569.57 अंक पर पहुंच गया। वहीं, स्मॉलकैप 199.5 अंक यानी 0.44 प्रतिशत गिरकर 45650.30 अंक पर आ गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह जनवरी की थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई के आंकड़े आने वाले है। साथ ही कोल इंडिया, एचएएल, एनएचपीसी, सेल, भेल, हिंडाल्को, आईआरसीटीसी, एमटीएनएल और ओआईएल समेत कई दिग्गज कंपनियों के वित्त वर्ष 2023-24 की दिसंबर में समाप्त तीसरी तिमाही के परिणाम भी जारी होने वाले हैं। अगले सप्ताह बाजार की चाल निर्धारित करने में इन कारकों की अहम भूमिका रहेगी।
इनके अलावा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति और एफआईआई के निवेश रुख पर भी बाजार की नजर रहेगी। एफआईआई फरवरी में अबतक 7,680.34 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं। हालांकि इस अवधि में घरेलू निवेशकों का शुद्ध निवेश 8,661.41 करोड़ रुपये रहा है।