गांधीनगर : आचार्य देवव्रत ने बुधवार को यहां कहा हम ‘एक’ होकर भारत को ‘श्रेष्ठ’ बनाएं। देवव्रत की अध्यक्षता में गुजरात के गांधीनगर राजभवन में आज 13 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। विभिन्न राज्यों से आये युवा-लोक कलाकारों ने आज एक नवंबर को भारत के पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पांडिचेरी, लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीप समूह का स्थापना दिवस के अवसर पर मनमोहक लोकनृत्य प्रस्तुत किये। गुजरात में बसे इन क्षेत्रों के मूल नागरिकों ने इस उत्सव में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
राजभवन परिसर में महर्षि दयानंद सभामंडप में आयोजित भव्य स्थापना दिवस समारोह में भारतभर से आये कलाकारों एवं नागरिकों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा, कि हम ‘एक’ हों और भारत को ‘सर्वश्रेष्ठ’ बनाएं। भाषा, धर्म, प्रांत और खान-पान के भेदभाव को भुलाकर अगर हम एक हो जाएं तो विकसित होने में देर नहीं लगेगी। हम भारत के प्राचीन गौरव और गरिमा को पुनर्स्थापित करें। अपने देश को फिर से ‘सोने की चिड़िया’ बनाने के लिए, विश्वगुरु बनाने के लिए आपसी सम्मान और एकता की भावना प्रगट करें।
‘जिंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दा-दिल क्या खाक जियेगा’ श्री आचार्य देवव्रत ने शेर की इन पंक्तियों को उल्लेखित करते हुए कहा, ‘जिंदगी से नीरसता को तिलांजलि दे दें। भारत की संस्कृति में ही उत्साह, उमंग और ऊर्जा है। हमारे पास ऐसी सांस्कृतिक विरासत और विविधता है जो दुनिया की प्रमुख महाशक्तियों के पास भी नहीं है। जीवन को आनंद और उत्साह से जीना हमारी परंपरा रही है। उन्होंने सभी से विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत, सुंदर भारत के निर्माण के लिए एकजुट होने का संकल्प लेने की अपील की।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी के ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ आह्वान को मजबूत करने के उद्देश्य से भारत के सभी राजभवनों में सभी राज्यों का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस तरह के उत्सव विविध राज्यों को कला और संस्कृति के माध्यम से आपसी एकता के आदर्श वाक्य के साथ मजबूती से बांधते हैं। भारत में 565 अलग-अलग रियासतें थीं, गुजरात के सरदार वल्लभ भाई पटेल ने पूरे देश को एकता के सूत्र में मजबूती से बांधा था। आज हमारा भव्य भारत 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विकास में सबसे आगे है।
राजभवन में आयोजित 13 राज्यों के स्थापना दिवस समारोह में केरल के कलाकारों ने शिंकरी मेलम, मध्यप्रदेश के कलाकारों ने नोरता और बधाई लोकनृत्य, तमिलनाडु के कलाकारों ने करगट्टम, कावड़ी अट्टम और पोइक्कल कुदिराई अट्टम जैसे रंगारंग लोकनृत्य प्रस्तुत किए। पंजाब के कलाकारों ने जिंदवा और भांगड़ा, कर्नाटक के कलाकारों ने ढोलू कुनिथा और हरियाणा के कलाकारों ने घूमर नृत्य प्रस्तुत किया। गुजरात के कलाकारों ने कच्छी गरबा और प्राकृतिक खेती के महत्व को दर्शाते हुए एक कथक बैले प्रस्तुत किया।
तमाम क्षेत्रों के कलाकारों ने एक ही कोरियोग्राफी में एक साथ ‘वंदे मातरम’ प्रस्तुत किया तब, राजभवन के महर्षि दयानंद सभामंडप में दर्शकों को समग्र भारत का एक शानदार अनुभव हुआ। स्थापना दिवस समारोह में राज्यपाल के प्रधान सचिव राजेश मांजु, एडीशनल डीजीपी शमशेर सिंह, नरसिम्हा कोमार कोमर, अतिरिक्त मुख्य वन संरक्षक जयपाल सिंह, आर.के. सुगुर और जी. रमणमूर्ति तथा तमाम राज्यों के गुजरात में बसे नागरिकों के प्रतिनिधियों, भारतीय सेना और सुरक्षा बलों में गुजरात में सेवारत अन्य राज्यों के अधिकारियों ने भी बड़ी संख्या में इस उत्सव में भाग लिया।