केवडिया : नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में नर्मदा जिले के केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, एकता नगर में बुधवार को 284 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।
श्री मोदी ने एकता नगर को विभिन्न विकास कार्यों और पर्यटन आकर्षणों की सौगात देकर प्रकाश पर्व दिवाली और सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को यादगार बना दिया है। उन्होंने नर्मदा जिले के एकता नगर में 284 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।
केवड़िया स्थित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ आज दुनिया भर के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। प्रधानमंत्री के करकमलों से बोनसाई गार्डन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सरदार सरोवर डैम एक्सपीरियंस सेंटर जैसी परियोजनाओं का शिलान्यास और सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, ट्रैफिक सर्कल्स और स्मार्ट बस स्टॉप का उद्घाटन हुआ है, जो एकता नगर के विकास को एक नई गति देगा।
श्री नरेन्द्र मोदी ने एकता नगर में सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, ट्रैफिक सर्कल्स, स्मार्ट बस स्टॉप, सीईएसएल-कार चार्जिंग पोर्ट, चार मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना, इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) ऑन व्हील्स का लोकार्पण किया। नागरिकों को बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए 22 करोड़ रुपए के खर्च से 50 बेड की क्षमता वाले सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का निर्माण किया गया है, जिसमें ट्रॉमा सेंटर, गायनेक ओटी, माइनर ओटी, ओटी रूम, सीटी स्कैन, आईसीयू, लेबर रूम, स्पेशल वॉर्ड, फिजियोथेरेपी वॉर्ड, सर्जन केबिन, मेडिकल स्टोर और एक एंबुलेंस आदि सुविधआएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, दो आईसीयू ऑन व्हील्स का भी लोकार्पण हुआ।
एकता नगर में पर्यटकों की सुविधा के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी क्षेत्र विकास और पर्यटन नियमन प्राधिकरण, एकता नगर (एसओयूएडीटीजीए) 10 स्मार्ट बस स्टॉप और 10 पिक-अप स्टैंड का निर्माण कर रहा है, जिसके फेज-1 का लोकार्पण किया गया। इसके अतिरिक्त यातायात के सुव्यवस्थित प्रबंधन और शहर की सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से 2.58 करोड़ रुपए के खर्च से एकता नगर तीन रास्ता (तिराहा), गरुड़ेश्वर चौक, चिल्ड्रन न्यूट्रीशन पार्क के सामने और सहकार भवन के पास ट्रैफिक सर्कल बनाए गए हैं। इतना ही नहीं, राहगीरों की सुरक्षा के लिए एकता नगर में 10 स्थानों पर पुश बटन पेडेस्ट्रियन क्रॉसिंग, रेवा भवन के पास कार चार्जिंग पॉइंट और राज्य आरक्षी पुलिस बल (एसआरपीएफ) के लिए रनिंग ट्रैक का भी लोकार्पण किया गया।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अथॉरिटी ने स्टोन आर्टिजन पार्क ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसएपीटीआई) संस्थान के सहयोग से जुलाई-2024 में एकता नगर में 20 दिवसीय सिम्पोजियम का आयोजन किया था, जिसमें पानी, प्रकृति और एकता की थीम पर देश भर के नामी शिल्पकारों ने 24 शिल्प बनाए थे। एकता नगर के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए इन शिल्प कृतियों को 24 स्थानों पर लगाया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने बस खाड़ी से व्यू पॉइंट-1 तक के वॉकवे और एकता द्वार से श्रेष्ठ भारत भवन तक के वॉकवे (फेज-1) का भी लोकार्पण किया। इसके अलावा यहां आने वाले पर्यटक मियावाकी फॉरेस्ट के विस्तारीकरण और हैलीपेड रोड के सौंदर्यीकरण के भी गवाह बने प्रधानमंत्री ने 23.26 करोड़ रुपए के खर्च से चार मेगावाट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट का भी लोकार्पण किया, जो नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देगा।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने एकता नगर में 75 करोड़ रुपए के खर्च से बनने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास किया, जो लगभग 4000 घरों, सरकारी आवासों तथा अन्य आतिथ्य व्यवसायों से निकलने वाले गंदे पानी का निपटान कर लोगों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, फायर स्टाफ रेजिडेंशियल क्वार्टर्स, सरदार सरोवर डैम एक्सपीरियंस सेंटर का भी शिलान्यास किया गया। सरदार सरोवर डैम एक्सपीरियंस सेंटर नर्मदा डैम की संपूर्ण कार्यप्रणाली और उसके परिवर्तनकारी प्रभावों को दर्शाएगा। इस सेंटर में दूरदर्शिता, निर्माण, ज्ञान, प्रभाव, प्रगति और ऊर्जा सहित कुल छह गैलरियां बनाई जाएंगी।
प्रधानमंत्री ने टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने वाले बोनसाई गार्डन का भी शिलान्यास किया, जो जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देगा। यह विश्व स्तरीय बोनसाई गार्डन जटिल बोनसाई कला को प्रोत्साहन देगा और बागवानी, सौंदर्य शास्त्र और सांस्कृतिक विरासत को आपस में जोड़ेगा। सतपुड़ा प्रोटेक्शन वॉल और जेटी का विकास 2023 में आई बाढ़ के प्रभाव को ध्यान में रखकर कैक्टस गार्डन के समीप प्रोटेक्शन वॉल (सुरक्षा दीवार) का विस्तार किया जाएगा, ताकि बाढ़ के विरुद्ध सुरक्षा के अलावा पर्यटकों को रिवरफ्रंट, फूड स्टॉल और वॉकवे की सुविधा प्रदान की जा सके। वहीं, जेटी का विकास होने से परिवहन की सुविधा में भी वृद्धि होगी। गरुड़ेश्वर में हॉस्पिटैलिटी डिस्ट्रिक्ट के विकास के लिए निर्धारित किया गया क्षेत्र डूब गया था, इसके मद्देनजर भविष्य में बाढ़ से इस भूमि को बचाने के लिए 60 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से भूमि का स्तर बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।