नई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी गुरुवार को समर्पित मालवहन गलियारे (डीएफसी) के पूर्वी एवं पश्चिमी गलियारों को जोड़ने वाले 173 किलोमीटर न्यू खुर्जा – न्यू रेवाड़ी खंड को राष्ट्र को समर्पित करेंगे जिससे बिहार एवं उत्तर प्रदेश से मुंबई जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट एवं गुजरात के बंदरगाहों तक सीधी कनेक्टिविटी स्थापित हो जाएगी।
राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में न्यू रेवाड़ी जंक्शन पर 25 जनवरी को आयोजित एक कार्यक्रम में श्री मोदी डीएफसी के इस महत्वपूर्ण खंड पर मालगाड़ी को हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे जो विभिन्न भू-भागों से होता हुआ, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर और गौतम बुद्ध नगर को, हरियाणा के फरीदाबाद, पलवल, गुड़गाँव, मेवात और रेवाड़ी से और राजस्थान के अलवर से जोड़ता है। प्रधानमंत्री इस मौके पर कई अन्य परियोजनाओं का भी शुभारंभ एवं शिलान्यास करेंगे।
सूत्रों के अनुसार देश में डीएफसी परियोजना में न्यू खुर्जा जंक्शन – न्यू रेवाड़ी जंक्शन तक का 173 किलो मीटर लम्बा विद्युतीकृत डबल लाइन खंड अत्यंत महत्वपूर्ण खंड है। यह खंड पश्चिमी और पूर्वी डीएफसी को जोड़ता है।इस खंड के निर्माण पर 10 हजार 141 करोड़ रुपए की लागत आयी है। इस मार्ग पर छह स्टेशन – न्यू बोड़ाकी, न्यू दादरी, न्यू फरीदाबाद, न्यू-पृथला, न्यू तावड़ू, और न्यू धारूहेड़ा हैं। यह रेल खंड अद्वितीय इंजीनियरिंग का एक उत्कृष्ट उदहारण है। इस सेक्शन में हाई राइज ओवरहेड इलेक्ट्रिक वॉयर से विद्युतीकृत एक किलोमीटर लंबी डबल-लाइन रेल सुरंग दुनिया में अपनी तरह की पहली सुरंग है। इस सुरंग को डबल-स्टैक कंटेनर ट्रेनों को निर्बाध रूप से संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सोहना में 2.76 किलोमीटर लंबे वायाडक्ट (पुल) का निर्माण जमीनी स्तर से 25 मीटर की ऊंचाई पर किया गया है। इससे डीएफसी ट्रैक के दोनों तरफ सोहना शहर में आवागमन बाधित नहीं होगा।
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक इस खंड में तीन नदी पुल, तीन रेल फ्लाईओवर, 24 प्रमुख पुल, 79 छोटे पुल, 16 रोड ओवरब्रिज (आरओबी), 32 बड़े रोड अंडरब्रिज (आरयूबी), 17 लघु आरयूबी और 8 फुट ओवरब्रिज (एफओबी) हैं। यह खंड 4.54 किमी लंबे रेल फ्लाईओवर (आरएफओ) के माध्यम से डीएफसी को दादरी में भारतीय रेल से जोड़ता है और इसके साथ ही यह पलवल के पास असावटी में भी डीएफसी को भारतीय रेल से जोड़ता है।
इस सेक्शन पर 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चलने वाली मालगाड़ियां भारतीय रेलवे नेटवर्क में यात्री ट्रेनों की समयबद्धता में काफी सुधार कर रही हैं। डीएफसी ट्रैक पर मालवाहन ट्रेनों को चलाने से खुर्जा से रेवाड़ी के बीच परिचालन समय में उल्लेखनीय कमी हो रही है, जिससे गाजियाबाद और दिल्ली क्षेत्र की रेल यातायात में कंजेशन में कमी आ रही है।
इस खंड पर परिचालन शुरू होने से डीएफसी के माध्यम से पश्चिमी बंदरगाहों से बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर क्षेत्र तक डबल स्टेक वाली लम्बी मालगाड़ियाें का परिचालन शुरू होने से इन क्षेत्रों में सीमेंट, पत्थर, दूध, डेयरी पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक सामान और पार्सल यातायात सहित कंटेनर और आयात-निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। यह पूर्वी हिस्से से कोयले और इस्पात की निर्बाध आवाजाही और देश के पूर्वी हिस्से में खाद्यान्न, उर्वरक के परिवहन की सुविधा प्रदान करता है। मालगाड़ी की तेज गति से देश में लॉजिस्टिक्स में सुधार के साथ-साथ, राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र में प्रदूषण, पारगमन समय और रसद लागत में कमी आएगी। इससे मेक इन इंडिया को भी बल मिलेगा। यह कॉरिडोर गौतम बुद्ध नगर, फ़रीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम और तावड़ू जैसे प्रमुख शहरों में औद्योगिक विकास के अवसरों को बढ़ावा देगा। यह आर्थिक विकास के साथ ही इन शहरों को वाणिज्य, व्यापार और विनिर्माण के केंद्रों में बदलने के अवसर खुलेंगे।