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केरल टेक्नोपार्क में बनेगा एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर

तिरुवनंतपुरम : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) क्षेत्र के तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, टेक्नोपार्क ने टेक्नोपार्क चरण IV (टेक्नोसिटी), तिरुवनंतपुरम में एक एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार के एमएसएमई के विकास आयुक्त के साथ एक भूमि पट्टा के लिए समझौता किया है।
समझौते के अनुसार, टेक्नोसिटी में लगभग 9.50 एकड़ भूमि को उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकियों तक पहुंच प्रदान करने, युवाओं को तकनीकी कौशल विकास का अवसर प्रदान करने और तकनीकी एवं व्यावसायिक सलाहकार सहायता प्रदान करते हुए उद्योगों विशेष रूप से एमएसएमई का समर्थन करने पर ध्यान देने के साथ एक प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित करने के लिए 90 वर्षों के लिए पट्टे पर दिया जाएगा।
कर्नल संजीव नायर (सेवानिवृत्त), सीईओ, टेक्नोपार्क, और प्रकाश जी एस, संयुक्त निदेशक और कार्यालय प्रमुख, एमएसएमई डीएफओ, त्रिशूर, एमएसएमई मंत्रालय ने मंगलवार को यहां टेक्नोपार्क में केरल सरकार के ई एंड आईटी सचिव, डॉ रतन यू केलकर की उपस्थिति में पट्टा समझौते का आदान-प्रदान किया।
मंत्रालय की टीसीईसी (प्रौद्योगिकी केंद्र और विस्तार केंद्र) योजना के अंतर्गत विकसित की जा रही सुविधा, एमएसएमई को उन्नत प्रौद्योगिकियां, कौशल प्रशिक्षण, सामान्य सुविधाएं, तकनीकी सहायता एवं व्यावसायिक सेवाओं तक पहुंच प्रदान करते हुए केरल के समग्र डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगी।
इस अवसर पर टेक्नोपार्क और एमएसएमई को बधाई देते हुए, डॉ केलकर ने कहा कि प्रौद्योगिकी केंद्र से राजधानी शहर का परिदृश्य बदलने का अनुमान है और लोगों, विशेष रूप से स्टार्टअप और उद्यमियों के जीवन में भी बदलाव आएगा, जो केंद्र के प्रमुख लाभार्थी होंगे। डॉ. केलकर ने कहा कि टेक्नोपार्क डिजिटल क्षेत्र में केरल राज्य को सुविधा प्रदान करने और राज्य में आईटी और आईटीईएस पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में आवश्यक समर्थन प्रदान करने में अग्रणी है।
इसे टेक्नोपार्क के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताते हुए, कर्नल संजीव नायर (सेवानिवृत्त) ने कहा कि चरण IV टेक्नोपार्क के सबसे बड़े भूमि पार्सल में से एक है और यह एक उभरते हुए प्रौद्योगिकी पार्क के रूप में विकसित हो रहा है, जिसमें एक आदर्श डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र है। श्री नायर ने कहा कि केरल में कोच्चि के बाद इस प्रकार की दूसरी सुविधा प्रौद्योगिकी केंद्र एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए प्रोटोटाइप विकास, प्रशिक्षण और कौशल विनिर्माण क्षमता प्रदान करेगा, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
श्री प्रकाश ने कहा कि यह एमएसएमई क्षेत्र में पूरे भारत में 20 प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित करने की प्रधानमंत्री मोदी प्रतिबद्ध हैं।
श्री प्रकाश ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में 11 करोड़ से ज्यादा लोग कार्यरत हैं, लेकिन उनके सामने एक प्रमुख बाधा यह है कि वे तेजी से प्रौद्योगिकी अपनाने और विकास करने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं।
उन्होंने कहा,“प्रौद्योगिकी केंद्रों के माध्यम से, उन्हें नवीनतम तकनीकों तक पहुंच प्राप्त होती है। स्थानीय उद्योग की आवश्यकताओं के आधार पर, प्रोटोटाइप विकास, प्रशिक्षण और परामर्श सेवाओं जैसी सुविधाओं को इन केंद्रों में एकीकृत किया जाएगा।”
श्री प्रकाश ने कहा कि चूंकि तिरुवनंतपुरम धीरे-धीरे ज्ञान आधारित शहर में परिवर्तित हो रहा है, इसलिए प्रस्तावित केंद्र एमएसएमई और प्रमुख हितधारकों के बीच महत्वपूर्ण संपर्क के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। केएसपीएसीई के सीईओ डॉ. जी लेविन ने कहा कि एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में कार्य करने के अलावा, यह आईटी, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग छात्रों को हाई-टेक आईटी डोमेन पर प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी समर्थन के साथ टेक्नोपार्क, एमएसएमई और केएसपीएसीई के संयुक्त प्रयासों ने परियोजना को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए पट्टा समझौते की प्रक्रिया में तेजी लाने का मार्ग प्रशस्त किया है। इस अवसर पर टेक्नोपार्क के प्रमुख अधिकारियों सहित सीएफओ आईटी पार्क, सीएमओ आईटी पार्क, जीएम परियोजना, एजीएम ग्राहक संबंध, कानूनी और भूमि अधिग्रहण टीम एवं अन्य लोग उपस्थित हुए।

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