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नाबार्ड ने जारी की जलवायु रणनीति 2030

मुंबई : सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुये, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक ( नाबार्ड ) ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर अपने जलवायु रणनीति 2030 दस्तावेज़ का अनावरण किया। मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार नाबार्ड के जलवायु रणनीति 2030 दस्तावेज़ को केंद्र सरकार के इस विशाल वित्तीय प्रतिष्ठान के अध्यक्ष शाजी के वी ने जारी किया। इस व्यापक रणनीति का उद्देश्य भारत की हरित परियोजनाओं के लिये कर्ज की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करना है।
हरित कर्ज की मांग अत्यधिक है लेकिन उसकी तुलना में भारत में इस तरह के वित्त की आवक काफी कम है। अनुमान है कि भारत को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये हरित परियोजनाओं के लिये 2030 तक संचयी रूप से 2.5 लाख करोड़ डॉलर से अधिक के हरित वित्तपोषण की जरूरत होगी। इसका अर्थ है कि इसके लिये सालाना लगभग 170 अरब डॉलर की आवश्यकता होगी। इसे देखते हुये वर्तमान हरित वित्त प्रवाह बहुत ही अपर्याप्त है। बयान के अनुसार 2019-20 तक, भारत ने हरित वित्तपोषण के तहत बाहर से लगभग 49 अरब डॉलर जुटाये थे, जो विशाल आवश्यकताओं के अंश मात्र के बराबर ही था।
इस मांग को पूरा करने के लिये नाबार्ड की जलवायु रणनीति 2030 का लक्ष्य सभी क्षेत्रों में हरित ऋण में तेजी लाना, व्यापक बाजार-निर्माण भूमिका निभाना, नाबार्ड का आंतरिक हरित परिवर्तन और रणनीतिक संसाधन जुटाना शामिल है।

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