शिमला : हिमाचल प्रदेश के सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग- 5 नाथपा में दूसरे दिन भी नही बहाल हो सका। पहाड़ी से भूस्खलन और चट्टानें दरकने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा, जिस कारण हजारों लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। किन्नौर जिले में सेब की लाखों पेटियां फंसी हुई हैं। वहीं, एनएच प्राधिकरण ने शिमला की ओर से 30 और किन्नौर की ओर से करीब 20 मीटर सड़क को बहाल कर दिया है, लेकिन डेढ़ सौ मीटर सड़क अब भी मलबे से ढकी हुई है।
गौरतलब है कि शनिवार रात करीब दो बजे से नाथपा में पहाड़ी से चट्टानें और भूस्खलन का सिलसिला जारी है। पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण एनएच का करीब 200 मीटर हिस्सा चट्टानों और मलबे के ढेर से दब गया है। इस कारण जिले किन्नौर के हजारों लोगों सहित देश-विदेश से किन्नौर आने वाले पर्यटकों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। रविवार को दूसरे दिन नेशनल हाईवे प्राधिकरण की मशीनें और मजदूर बाधित सड़क को बहाल करने में जुटे रहे, लेकिन पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन से मजदूरों की जान को भी जोखिम बना हुआ है।
रविवार को परिवहन निगम की बसों में यात्रियों को ट्रांसमिट कर भेजा गया, जबकि छोटे वाहनों ने प्लींगी वाया निचार होकर किन्नौर का रुख किया। पहाड़ी से भूस्खलन का सिलसिला न थमने के कारण अभी एनएच की बहाली में तीन से चार दिन का समय लग सकता है। प्राधिकरण ने एनएच की बहाली के लिए मौके पर पांच मशीनें और करीब 20 मजदूरों को तैनात किया है, जो युद्धस्तर पर मार्ग बहाली में जुटे हुए हैं।
उधर, एनएच प्राधिकरण रामपुर के एक्सईएन केएल सुमन ने बताया कि नाथपा में बाधित हुए नेशनल हाईवे पांच का करीब 50 मीटर हिस्सा खोल दिया गया है। पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहे हैं, जिसके चलते एनएच बहाली का कार्य प्रभावित हो रहा है।
नाथपा में एनएच बाधित होने के कारण जिले में चल रहा सेब सीजन भी प्रभावित हो गया है। जिले में अभी भी सेब की लाखों पेटियां मंडी भेजी जानी हैं, लेकिन नाथपा में सड़क बाधित होने के कारण बागवानों की परेशानियां बढ़ गई हैं। हालांकि मंडी के लिए वाया कुंजुम दर्रा होकर सेब की फसल भेजी जा सकती है, लेकिन यह दर्रा भी बाधित होने के कारण यातायात के लिए बहाल नहीं हो पाया है।
ऐसे में अब जिला प्रशासन की ओर से वांगतू, निचार वाया प्लींगी होकर सेब की फसल पिकअप के माध्यम से मंडी भेजे जाने की पहल की जा रही है। उपायुक्त किन्नौर तोरुल एस रवीश ने बताया कि वैकल्पिक मार्ग प्लींगी निचार होते हुए सेब की फसल को मंडी भेजने की योजना बनाई जा रही है। जल्द ही समय निर्धारित कर पिकअप और छोटे मालवाहक वाहनों की मदद से इस मार्ग होते हुए सेब मंडी भेजने की व्यवस्था की जाएगी।