तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु) : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आईएसआईएस से संबद्ध इस्लामी कट्टरपंथी संगठन ‘हिज्ब-उत-तहरीर’ (एचयूटी) से संबंधित मामले की जांच के तहत रविवार को तमिलनाडु में उसके कई ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। यह संगठन कई देशों में प्रतिबंधित है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चेन्नई, तिरुचिरापल्ली, तंजावुर, इरोड और पुड्कोडुट्टाई सहित कई स्थानों पर छापे मारे गये। एचयूटी मदुरै मॉड्यूल मामला मूल रूप से मदुरै के थिदीर नगर थाने में दर्ज किया गया था, जिसे 26 अप्रैल 2021 को एनआईए को सौंप दिया गया था।
जांच से पता चला कि एचयूटी के सदस्यों तिरुवरुर जिले के मन्नारगुडी के एस. बावा बहरुदीन (41) उर्फ ‘मन्नई’ बावा, तंजावुर जिले के कुंभकोणम के जे. जियावुद्दीन बाकवी (40) और मोहम्मद इकबाल ने दूसरों के साथ मिलकर इस्लामिक स्टेट को फिर से स्थापित करने और भारत सहित वैश्विक स्तर पर शरिया लागू करने की साजिश रची थी।
आरोपियों ने तमिलनाडु के मदुरै, इरोड, सलेम और तंजावुर जिलों में बंद कमरे में बयान (बैठकें) आयोजित की थीं और भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को अस्वीकार करने तथा बाधित करने के उद्देश्य से पोस्ट अपलोड करने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया साइट्स पर कई अकाउंट बनाये थे।
वे देश की सरकार को उखाड़ फेंककर इस्लामिक स्टेट की स्थापना करने के लिए भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उनकी संगठन में भर्ती करने में लगे हुए थे। उन्होंने एचयूटी की विचारधारा को फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से तमिलनाडु और केरल के विभिन्न जिलों में नये सेल स्थापित करने की भी साजिश रची थी।