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ओबीसी आयोग का पश्चिम बंगाल को नाेटिस

नई दिल्ली : राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने केंद्रीय ओबीसी सूची में 87 जातियों को शामिल करने के लिए संबंधित जानकारी नहीं देने पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है और राज्य सरकार के मुख्य सचिव को आठ फरवरी को आयोग के समक्ष उपस्थित होने को कहा है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने शुक्रवार को यहां बताया कि पिछले वर्ष छह सितंबर को पश्चिम बंगाल राज्‍य सरकार से 87 जातियों को केन्‍द्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने हेतु उनके सामाजिक, शै‍क्षणिक और आर्थिक स्थिति संबंधी ताजा जानकारी और आंकडे मांगे गये थे जिसकी जानकारी आयोग को नहीं दी गयी है। इसे आयोग ने गंभीरता से लिया है ।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्‍य सचिव को आठ फरवरी को दो बजे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन जारी किया है।
पश्चिम बंगाल में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की दो भागों – श्रेणी-ए और श्रेणी -बी में विभाजित किया गया है। श्रेणी -ए में अति पिछड़ी जाति शामिल हैं जिसमें कुल 81 जातियां हैं। इनमें से 73 मुस्लिम जातियां हैं। श्रेणी-बी में पिछड़ी जातियां शामिल हैं जिसमें कुल 98 जातियां हैं। इसमें से 45 जातियां मुस्लिम हैं। दोनों श्रेणियों में कुल 179 जातियां हैं जिसमें से 118 जातियां मुस्लिम हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के अति पिछड़ी श्रेणी -ए के लिए 10 प्रतिशत और पिछड़ी श्रेणी -बी के लिए सात प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। पश्चिम बंगाल राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का कुल आरक्षण का प्रतिशत 45 प्रतिशत है जिसमें से अनुसूचित जाति को 22 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को छह प्रतिशत और ओबीसी को 17 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।

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